अरुण तिवारी

अरुण तिवारी
हानिकारक रसायन - जवाबदेही समझे सरकार
Posted on 05 Jul, 2016 04:23 PM

पोटेशियम ब्रोमेट एक ऐसा रसायन है, जिसके कारण इंसान में पेट का कैंसर, गुर्दे में ट्युमर, थायोराइड सम्बन्धी असन्तुलन तथा तंत्रिका तंत्र सम्बन्धी बीमारियाँ होने की सम्भावना रहती है। इसे कैंसर सम्भावित रसायनों की 2बी श्रेणी में रखा गया है। पोटेशियम आयोडेट से थायोरायड सम्बन्धी असन्तुलन पैदा होने का खतरा होता है; बावजूद इन ज्ञात खतरों के भारत में पोटेशियम ब्रोमेट का इस्तेमाल बेकरी उत्पादों को ज्यादा मुलायम, ताजा और दिखने में बेहतर बनाने के लिये किया जाता रहा है।

भारतीय निर्माता कम्पनियाँ अब तक तर्क देती रहीं कि अन्तिम तैयार बेकरी उत्पाद में पोटेशियम ब्रोमेट के अंश मौजूद नहीं होते। नई दिल्ली स्थित सीएसई नामक एक गैर सरकारी संस्था ने इस तर्क का झूठ सार्वजनिक कर दिया। उसने बाजार से बेकिंग उत्पादों के तैयार नमूने उठाए; उनकी जाँच की और बताया कि 84 प्रतिशत नमूनों में पोटेशियम ब्रोमेट और पोटेशियम आयोडेट मौजूद हैं।
ये तो गंगा के व्यापारी निकले
Posted on 26 Jun, 2016 12:48 PM


उन्होंने कहा- “मैं आया नहीं हूँ, माँ गंगा ने बुलाया है।’’ लोगों ने समझा कि वह गंगा की सेवा करेंगे। बनारसी बाबू लोगों ने उन्हें बनारस का घाट दे दिया; शेष ने देश का राज-पाट दे दिया। उन्होंने ‘नमामि गंगे’ कहा; जल मंत्रालय के साथ ‘गंगा पुनर्जीवन’ शब्द जोड़ा; एक गेरुआ वस्त्र धारिणी को गंगा की मंत्री बनाया। पाँच साल के लिये 20 हजार करोड़ रुपए का बजट तय किया। अनिवासी भारतीयों से आह्वान किया। नमामि गंगे कोष बनाया। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की स्थापना की।

राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण का पुनर्गठन किया। बनारस के अस्सी घाट पर उन्होंने स्वयं श्रमदान किया। गंगा ने समझा कि यह उसके प्रति भारतीय संस्कृति की पोषक पार्टी के प्रतिनिधि और देश के प्रधानमंत्री की आस्था है।

नदी-तालाबों की अहमियत कब समझेगा प्रतापगढ़ प्रशासन
Posted on 12 Jun, 2016 11:04 AM


बुन्देलखण्ड का सूखा, एक नजीर बन चुका है। सो, स्थानीय संगठनों की पहल पर उत्तर प्रदेश का शासन कुछ नजीर पेश करने के मूड में दिखाई दे रहा है। उसने वहाँ 100 परम्परागत तालाबों के पुनर्जीवन की घोषणा की है; 50 तालाब महोबा में और 50 उत्तर प्रदेश के हिस्से वाले शेष बुन्देलखण्ड में। खेत-तालाबों को लेकर एक घोषणा वह पहले कर ही चुका है।

मनरेगा के तहत बुन्देलखण्ड में 4,000 हजार अन्य तालाबों के पुनर्जीवन की भी घोषणा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कर आये हैं। कहा जा रहा है कि मानसून आने से पूर्व यह काम पूरा कर लिया जाएगा। इन घोषणाओं को लेकर स्थानीय स्वयंसेवी संगठन भी अपनी पीठ ठोक रहे हैं और उत्तर प्रदेश शासन भी। घोषणा यदि बिना भ्रष्टाचार और समय पर जमीन पर उतरती है, तो यह पीठ ठोकने का काम है भी।

मेरा देह दान हो, श्राद्ध नहीं - स्वामी सानंद
Posted on 05 Jun, 2016 03:22 PM


स्वामी सानंद गंगा संकल्प संवाद - 21वाँ कथन आपके समक्ष पठन, पाठन और प्रतिक्रिया के लिये प्रस्तुत है:

 

तैने तो मेरे मन की कह दी


.तरुण के भविष्य को लेकर मेरी चिन्ता बढ़ती गई। मैं क्या करुँ? इस प्रश्न के उत्तर की तलाश में मैं घर गया; पिताजी के पास। मेरी माँ तो तब नहीं थीं। मैंने पिताजी को अपनी चिन्ता से अवगत कराया। उसके बाद मैं दिल्ली लौट आया। लौटने पर सोचता रहा कि क्यों न मैं तरुण को गोद ले लूँ।

मैंने पिताजी को अपना विचार बताया, तो वह बहुत खुश हुए। भरे गले से बोले- “तैने तो मेरे मन की कह दी।’’ अब तरुण की माँ को तैयार करने की बात थी। यह जिम्मेदारी मैंने बाबा को दे दी। इस तरह आर्यसमाजी संस्कार विधि के साथ 1984 में मैंने तरुण को विधिवत गोद ले लिया।

खाद्य शृंखला बचाने से बचेगा वन्य जीवन
Posted on 04 Jun, 2016 03:31 PM

विश्व पर्यावरण दिवस, 05 जून 2016 पर विशेष


वायुमण्डल, जलमण्डल और अश्ममण्डल- इन तीन के बिना किसी भी ग्रह पर जीवन सम्भव नहीं होता। ये तीनों मण्डल जहाँ मिलते हैं, उसे ही बायोस्फियर यानी जैवमण्डल कहते हैं। इस मिलन क्षेत्र में ही जीवन सम्भव माना गया है। इस सम्भव जीवन को आवृत कर रक्षा करने वाले आवरण का नाम ही तो पर्यावरण है।

जीवन रक्षा आवरण पर ही प्रहार होने लगे.... तो जीवन पुष्ट कैसे रह सकेगा? हर पर्यावरण दिवस की चेतावनी और और समाधान तलाशने योग्यमूल प्रश्न यही है, किन्तु पर्यावरण दिवस, 2016 की चिन्ता खास है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने ‘वन्य जीवन के अवैध व्यापार के खिलाफ जंग’ को पर्यावरण दिवस, 2016 का लक्ष्य बिन्दु बनाया है।
श्री श्री-यमुना विवाद : चोरी और सीनाजोरी
Posted on 02 Jun, 2016 04:36 PM


राष्ट्रीय हरित पंचाट के इतिहास में चोरी और सीनाजोरी की ऐसी दबंग मिसाल शायद ही कोई और हो। शासन, प्रशासन से लेकर निजी कम्पनी तक कई ऐसे हैं, जिन्होंने हरित पंचाट के आदेशों को मानने में हीला-हवाली दिखाई है। पंचाट के कई आदेश हैं, जिनकी अनदेखी आज भी जारी है; किन्तु इससे पहले शायद ही कोई ऐसा आरोपी होगा, जिसने आदेश की अवमानना करने पर दंडित करने की हरित पंचाट की शक्ति को चुनौती देने की हिमाकत की हो। विश्व सांस्कृतिक उत्सव (11-13 मार्च, 2016 ) के आयोजक ने की है।

हालांकि हरित पंचाट ने यह स्पष्ट किया कि आदेश की अवमानना होने पर दंडित करने के हरित पंचाट को भी वही अधिकार प्राप्त हैं, जैसे किसी दूसरे सिविल कोर्ट को, किन्तु चुनौती देकर आयोजक के वकील ने यह सन्देश देने की कोशिश तो की ही कि वह आदेश की अवमानना करे भी तो हरित पंचाट उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता।

अविवाहित सानंद की पारिवारिक दृष्टि
Posted on 29 May, 2016 10:27 AM

स्वामी सानंद गंगा संकल्प संवाद - 20वाँ कथन आपके समक्ष पठन, पाठन और प्रतिक्रिया के लिये प्रस्तुत है :

साधुओं ने गंगा जी के लिये क्या किया - स्वामी सानंद
Posted on 22 May, 2016 01:28 PM


स्वामी सानंद गंगा संकल्प संवाद - 19वाँ कथन आपके समक्ष पठन, पाठन और प्रतिक्रिया के लिये प्रस्तुत है:

.मैं मानता हूँ कि मैं कड़ा हूँ। मतभेद रखने में कतराता नहीं हूँ। स्पष्टवादिता, मेरा स्वभाव है। इसके कारण कई नाराज हुए, तो लम्बे समय तक कई से प्यार भी मिला।

 

दिखावे के विरुद्ध


मैं दिखावे के समर्थन के भी विरुद्ध हूँ। जो ऐसे लोग मेरे सम्पर्क में आते हैं; उन्हें कड़ा कहता हूँ। मेरा उनसे विवाद हो जाता है। मैं कहता हूँ कि नहीं करना हो, तो मत करो; लेकिन दिखावा न करो। ‘मार्च ऑन द स्पॉट’ यानी एक जगह पैर पीटते रहना। यह भी मुझे पसन्द नहीं है।

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