अमर उजाला
क्यों बरसात होती है
Posted on 21 Jan, 2009 08:05 PMवैसे तो हर बारिश में ही भीगने का मन होता है, पर मानसून की बात ही कुछ अलग है। मानसून तन को ही नहीं मन को भी भिगोता है - हर किसी के मन को। लोगों के तन मन ही को नहीं - नदी पहाड़, खेत खलिहान, हाट बाजार सभी के मन को। किसी को यह रोमांच देता है, किसी को खुशी, किसी को ताजगी तो किसी को नया जीवन। और यह सब करने वाला मानसून इस धरती का अपनी तरह का अकेला नाटकीय घटनाक्रम है। मानसूनी जलवायु काफी बड़े भूभाग को
बारिश का कितना जल वापस धरती में जाना चाहिए
Posted on 26 Sep, 2008 06:06 PMदीप जोशी
धरती से जल के दोहन के बदले कितना जल वापस धरती में जाना चाहिए? इस संबंध में दुनिया भर के वैज्ञानिकों में आम राय यह है कि साल भर में होने वाली कुल बारिश का कम से कम 31 प्रतिशत पानी धरती के भीतर रिचार्ज के लिए जाना चाहिए, तभी बिना हिमनद वाली नदियों और जल स्रोतों से लगातार पानी मिल सकेगा।
हेल्थ सेफ्टी एंड एन्वॉयरन्मेंट के क्षेत्र में अवसर कर रहे इंतजार(Opportunities are waiting in the field of health safety and environment)
Posted on 17 Nov, 2023 11:54 AMहेल्थ सेफ्टी एंड एन्वॉयरन्मेंट के क्षेत्र में प्रशिक्षत युवाओं का भविष्य बेहद उज्ज्वल है, इस क्षेत्र से जुड़े कोर्सेज की मदद से आप भी भविष्य संवार सकते हैं....
पक्के इरादों वाली स्वच्छाग्रही
Posted on 18 Sep, 2018 06:17 PMघूँघट व चारदीवारी के बाहर की दुनिया से उन्हें कोई खास सरोकार नहीं था। उनकी दादी-नानी, माँ-चाची जिस तरह मुँह ढ
गंगा का 51 फीसदी क्षेत्र जलीय जीव प्रजनन लायक नहीं
Posted on 18 Sep, 2018 06:08 PMदेहरादून। गंगा की सेहत की एक और भयावह तस्वीर सामने आई है। राष्ट्रीय वन्यजीव संस्थान के वैज्ञानिकों की ओर से किये गए हालिया शोध में सामने आया है कि गंगोत्री से गंगासागर तक गंगा में इस कदर प्रदूषण हो गया है कि इसका 51 फीसदी क्षेत्र जलीय जीवजन्तुओं के लिये प्रजनन के लायक ही नहीं है। इस समय केवल 49 फीसद क्षेत्र में जलीय जीवजन्तु ब्रीडिंग कर सकते हैं।हर साल गहरे जख्म दे रही हैं आपदाएँ
Posted on 30 Aug, 2018 06:30 PMनई टिहरी- जिले में हर साल बादल फटने और भारी बारिश से हो रहे भूस्खलन में दर्जनों लोग अकाल मौत के शिकार हो रहे हैं। आपदा के कहर से बचने के लिये लोगों के पास सुरक्षित स्थान पर बसने के सिवा कोई चारा नहीं है। राज्य के गठन के बाद जिले में बादल फटने और भूसवरुणा तट पर शुद्ध हवा-पानी का संकट
Posted on 07 Aug, 2011 08:16 AMवाराणसी। रफ्तार टूटने के बाद गंगा में घटाव तेज हो गया है। चौबीस घंटे के दौरान जलस्तर में चार फुट की गिरावट दर्ज की गई। उधर, वरुणा की भी धारा शांत पड़ गई। पानी घटने के बाद दूसरी जगहों पर शरण लिए लोग बीवी-बच्चों के साथ अपने घरों को लौटने तो लगे लेकिन सीलन और बदबू से वहां बीमारी फैलने की आशंका है। दाने-दाने की तो मोहताजी हुई ही, शुद्ध पानी का टोटा पड़ जाने से मुश्किलें बढ़ गई हैं। गुरुवार को नक्खी घाकानकुन जलवायु सम्मेलन
Posted on 07 Dec, 2010 11:24 AMइन दिनों मैक्सिको के शहर कानकुन में संयुक्त राष्ट्र का जलवायु परिवर्तन सम्मेलन चल रहा है। इसमें दुनिया भर के 194 देश हिस्सा ले रहे हैं। 29 नवंबर को शुरू हुआ यह सम्मेलन 10 दिसंबर तक चलेगा। इसमें 15,000 से अधिक आधिकारिक प्रतिनिधि, पर्यावरण कार्यकर्ता और पत्रकार भाग ले रहे हैं। यह सम्मेलन क्योटो पर्यावरण संधि के बाद के समय के लिए कार्बन उत्सर्जन पर लगाम लगाने के लिए हो रहा है। क्योटो संधि 2011 में समाप्त हो रही है।वर्ष 1992 में ब्राजील में हुए रियो सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन समझौते को लेकर यूएन कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज तैयार की गई थी। क्योटो में 1997 में हुई संधि में कहा गया था कि औद्योगीकृत देश ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को 1990 के स्तर से पांच फीसदी कम करेंगे।इस संधि पर अमेरिका ने हस्ताक्षर नहीं किया था। पिछले वर्ष कोपेनहेगन में भी जलवायु परिवर्तन को लेकर
देश बदनाम हुआ
Posted on 28 Sep, 2010 08:20 AMदेश जब बदनाम होता है, डॉर्लिंग, हमारी गंदगी के कारण तो तकलीफ होती है, न?