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9 वीं वाटर-एशिया 2008
Posted on 28 Nov, 2008 12:18 PM

इस बार की 9 वीं वाटर-एशिया 2008 विशेष रूप से वाटर-इंडस्ट्री द्वारा अपशिष्ट जल प्रबंधन, पेयजल और अन्य पानी से संबंधित समस्याओं से निपटने पर केन्द्रित है, कार्यक्रम 10-12 दिसम्बर, 2008 को प्रगति मैदान, नई दिल्ली में होगा। विपणन, बाजार के अवसर और प्रमुख प्रौद्योगिकियों को दुनिया के सामने लाने में अपनी उत्कृष्टता के लिए वाटर-एशिया दुनिया भर में जानी जाती है।

मल्टीमीडिया पाठ्यक्रम
Posted on 15 Nov, 2008 03:02 PM

मल्टीमीडिया पाठ्यक्रम इंडिया वाटर पोर्टल की एक महत्वपूर्ण पहल है। इसके तहत पानी से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर मल्टीमीडिया पाठ्यक्रम तैयार किए गए हैं। इसका उद्देश्य नवीनतम तकनीक और विशेषज्ञों की सहायता से बेहतर तरीके से जानकारी देना है। इन मल्टीमीडिया पाठ्यक्रमों को अपने कंप्यूटर पर इंटरनेट से डाउनलोड करके कभी भी और कहीं भी देखा जा सकता है। ये मल्टीमीडिया पाठ्यक्रम सभी नवीनतम ब्राउज़रों पर चलते

जलधारा अभियान
Posted on 11 Nov, 2008 08:05 AM
जयपुर शहर के उत्तर पश्चिम से निकल कर पश्चिम-दक्षिण होती हुई, ठूण्ड नदी से मिलने वाली, द्रव्यवती नदी, उर्फ अमानी शाह का नाला, जयपुर शहर की जीवन रेखा रही है। सर्वे आफ इंडिया द्वारा प्रकाशित सन् 1865- 66 के नक्शों में भी इस नदी को साफ तौर पर दर्शाया गया है। उसके बाद भी सर्वे आफ इंडिया द्वारा प्रकाशित नक्शों में नदी साफ तौर पर चिन्हित है। यदि नदी कहीं नहीं है, तो राजस्थान सरकार के राजस्व विभाग के रिका
जल चक्र (Water Cycle Definition in Hindi)
Posted on 13 Oct, 2008 11:16 AM

जल चक्र (Water Cycle Definition in Hindi) 1. जल-चक्र - (पुं.) (तत्.) - निरंतर चलने वाली वह (अटूट) प्रक्रिया जिसमें पहले समुद्र का पानी भाप (वाष्प) बनकर बादल बनता है, फिर वही बादल पानी बरसाता है और फिर वही पानी नदियों से होता हुआ समुद्र में जा मिलता है। water cycle

water cycle
जल विवादों पर फिल्मोत्सव
Posted on 09 Oct, 2008 06:11 PM
“Peace and Conflict Resolution: Reflections through Cinema”शीर्षक से मेटा- कल्चर डायलोजिक्स, बंगलौर फिल्म सोसायटी, एलायंस फ्रेंकैस डि बैंगलोर और मैक्समूलर भवन एक सप्ताह तक चलने वाले फिल्मोत्सव का आयोजन कर रहे हैं। यह उत्सव 13-19 अक्टूबर, 2008 को बंगलौर में आयोजित किया जा रहा है। अर्घ्यम्, सिटिजन मैटर्स और विस्तार के सहयोग से उत्सव का आयोजन किया जा रहा है।
जैविक कीटनाशक अपनाकर पानी प्रदूषण से बचाएं
Posted on 09 Oct, 2008 10:40 AM

हम जिस गाँव में रहते हैं वैसे ही लगभग एक लाख गाँव पूरे उत्तर प्रदेश में है जिनमें तेरह करोड़ से भी ज्यादा लोग रहते हैं और इनमें से दस करोड़ से ज्यादा लोगों का जीवन पूर्णत: खेती पर ही आधारित है। इनमें से अधिकांश किसान तथा खेतिहर मजदूर हैं हमारे सारे किसान मिलकर पूरे देश की आवश्यकताओं का एक बटे पाँचवाँ भाग तो खुद ही पूरा करते हैं।

हमारे किसानों में से तीन चौथाई से ज्यादा तो छोटे और सीमांत किसान है। जो बीघा दो बीघा से लेकर पाँच एकड़ तक की खेती करते है। बहुत सारे लोग मानते हैं कि हमारी जोते छोटी होने के कारण खेती फायदेमन्द नहीं रह गई है

जैविक कीटनाशक
नागार्जुन फर्टिलाइजर्स (काकीनाड़ा, आंध्र प्रदेश):
Posted on 08 Oct, 2008 09:39 PM
अमोनिया आधारित खाद उत्पादन में पानी के इस्तेमाल में कमी

आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले में स्थित यह अमोनिया आधारित खाद उत्पादक कंपनी कूलिंग प्रक्रिया और अपनी आवासीय कॉलोनी की ज़रूरतों के लिए गोदावरी नदी से पानी लेती है। इस संयंत्र में पानी का इस्तेमाल कम करने की कोशिश के तहत कई बदलाव किए गए। कंपनी ने पानी के बेहतर इस्तेमाल, प्रयोग हुए पानी के दोबारा इस्तेमाल, पानी के रिसाव पर कड़ी नज़र और कर्मचारियों तथा आवासीय कॉलोनी के लोगो को प्रशिक्षण देने जैसे कई उपाय किए। कंपनी ने पानी के इस्तेमाल पर निगरानी, बारिश के पानी के संरक्षण और शोधित उत्सर्जित पानी का इस्तेमाल सिंचाई में करने जैसे उपाय भी किए गए।
कोका कोला इंडिया (वाराणसी संयंत्र): 4आर दृष्टिकोण
Posted on 08 Oct, 2008 09:29 PM
वाराणसी से २२ किलोमीटर दूर मेंहदीगंज में कोका कोला इंडिया प्लांट 4आर (रिड्यूस, रीयूज़, रिसाइकिल और रिजार्ज) यानी पानी के इस्तेमाल में कमी, दोबारा इस्तेमाल, पुनर्चक्रण और पुनर्भरण के दृष्टिकोण पर केंद्रित है। कंपनी की बहुआयामी गतिविधियों में पानी के इस्तेमाल पर जागरुकता कार्यक्रम, बोतलों की सफ़ाई के दौरान पानी के न्यूनतम इस्तेमाल के लिए नोज़ल के आकार में कमी, स्टीम कंडेंसेट का दोबारा इस्तेमाल, गंदे
आरआईएल (वडोदरा विनिर्माण खंड.): रिसाव वाली सिंचाई और अन्य कार्यक्रम
Posted on 08 Oct, 2008 09:25 PM
आरआईएल वडोदरा के कृषि जल संरक्षण कार्यक्रम के तहत बाल्टी आधारित सिंचाई प्रणाली पर खास तौर ज़ोर दिया गया है। यह व्यवस्था खास कर घरेलू बागानों और छोटी जोत के लिए उपयोगी है। संकरे मुंह वाले कुंओं के माध्यम से बाल्टियों में पानी उपलब्ध कराया जाता है जिससे फलों और सब्ज़ियों के पौधों की सिंचाई में पानी का अधिकतम उपयोग किया जा सके। गांववालों ने अब तक इस तरह की 96 मशीने ख़रीदी हैं और ये सफलतापूर्वक काम कर
आईटीसी लिमिटेड: एकीकृत वाटरशेड विकास कार्यक्रम
Posted on 08 Oct, 2008 09:19 PM
देश व्यापी कृषि आधारित कंपनी होने के नाते आईटीसी की मिट्टी और जल संरक्षण कार्यक्रम सात राज्यों में २३ जिलों के 450 गांवों के करीब 66,723 एकड़ क्षेत्र में फैला है। ३०,००० एकड़ से अधिक जलमग्न भूमि को सामान्य बनाया गया। करीब 4000 एकड़ अतिरिक्त ज़मीन को खेती के लायक बनाया गया और 35,000 एकड़ से अधिक कमान क्षेत्र को लाभ पहुंचा। इस प्रक्रिया में 311,480 लोगों के लिए काम की व्यवस्था हुई। इस कार्यक्रम के त
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