गजेन्द्र सिंह 'मधुसूदन

गजेन्द्र सिंह 'मधुसूदन
आत्मनिर्भर गाँव में कृषि की भूमिका
आत्मनिर्भर भारत का मार्ग आत्मनिर्भर गाँवों के संकल्प से निर्धारित होता है। अतीत में आत्मनिर्भर गाँवों का सिद्धांत ही भारत को 'सोने की चिड़िया' कहने का मुख्य कारण था। परंतु उपनिवेशवादी नीतियों ने आत्मनिर्भर गाँवों के संकल्प को तहस- नहस कर दिया। कालांतर में कृषि लाभ में निरंतर कमी, बेहतर रोजगार की व्यवस्था, आधुनिक शिक्षा की आवश्यकता, जीवन के लिए भौतिक सुविधाओं की सुलभता, आधुनिक सुख-सुविधाओं आदि की कमी ने ग्रामीण आत्मनिर्भरता को गाँवों से विवर्तित करके भारतीय शहरों में स्थापित कर दिया था। Posted on 23 Dec, 2023 11:22 AM

कृषि विकास से ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था का विकास संभव है। देश का कृषि क्षेत्र जितना अधिक धारणीय, विकसित और समावेशी होगा, ग्रामीण भारत का विकास उतना ही उत्कृष्ट होगा। कृषि क्षेत्र की संवृद्धि के बिना ग्रामीण आत्मनिर्भरता की कल्पना भी नहीं की जा सकती है, चूंकि कृषि और कृषि आधारित उद्योग ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं।

आत्मनिर्भर गाँव में कृषि की भूमिका
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