‘स्वच्छ भारत’ अभियान पर कार्यशाला

सुलभ ब्यूरो

 

20 फरवरी, 2015 को बेंगलुरू के कैपिटल होटल में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया था, जिसका उद्देश्य था देशभर के अधिसूचित 4,004 शहरों में एकल (घरेलू), सामुदायिक तथा सार्वजनिक शौचालयों की स्थापना एवं इसके लिए विभिन्न विकल्पों का अन्वेषण। विभिन्न शहरों में इस प्रकार की कार्यशालाओं के आयोजनों की यह प्रथम शृंखला थी। इस अवसर पर मुख्य अतिथि एवं भारत सरकार के माननीय शहरी विकास, आवास और शहरी गरीबी उपशमन तथा संसदीय कार्य मन्त्री श्री एम. वैंकेया नायडू ने इसका उद्घाटन किया।

 

इस समारोह में कर्नाटक सरकार के माननीय शहरी विकास मन्त्री श्री विनय कुमार सोरोके माननीय परिवहन मन्त्री श्री रामलिंगा रेड्डी, स्थानीय निकाय के माननीय मन्त्री श्री कामारुल इस्लाम, नगरपालिका प्रशासन के निदेशक एवं निगम आयुक्त श्रीमती मंजुला (आई.ए.एस.), नगरकालिकाओं के मुख्य अधिकारिगण, नगर निगम प्रशासन एवं नगरपालिकाओं के सदस्यों और निदेशक तथा अन्य प्रतिष्ठित अतिथिगण, समारोह के निगमायुक्त एवं अध्यक्ष भी उपस्थित थे।

 

शहरी विकास मन्त्रालय द्वारा यह सूचना दी गई कि वर्ष 2019 तक एस.बी.एम. (शहरी) के अन्तर्गत 1.2 करोड़ घरेलू शौचालय, 2.52 लाख सार्वजनिक शौचालय तथा 2.6 लाख सामुदायिक शौचालयों का निर्माण किया जाएगा।

 

इस अवसर पर भारत सरकार के माननीय मन्त्री श्री एम. वैंकेया नायडू ने कहा कि ‘स्वच्छ भारत’ अभियान में सभी व्यक्तियों की सहभागिता आवश्यक है। इसके अन्तर्गत भारत के 4,004 शहरों को सम्मिलित किया जाएगा। इसी क्रम में उन्होंने विगत 45 वर्षों में स्वच्छता के क्षेत्र में सुलभ द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की।

 

इस अवसर पर शहरी विकास मन्त्रालय द्वारा प्रकाशित पुस्तिका ‘स्वच्छ भारत’ अभियान के कन्नड़ अनुवाद- ‘शहरी क्षेत्रों के लिए मार्गदर्शक’ का विमोचन किया गया।

 

शहरी विकास मन्त्रालय द्वारा यह सूचना दी गई कि वर्ष 2019 तक एस.बी.एम. (शहरी) के अन्तर्गत 1.2 करोड़ घरेलू शौचालय, 2.52 लाख सार्वजनिक शौचालय तथा 2.6 लाख सामुदायिक शौचालयों का निर्माण किया जाएगा।

 

इस अवसर पर शहरी विकास मन्त्रालय द्वारा प्रकाशित पुस्तिका ‘स्वच्छ भारत’ अभियान के कन्नड़ अनुवाद- ‘शहरी क्षेत्रों के लिए मार्गदर्शक’ का विमोचन किया गया।

 

घरेलू शौचालयों के निर्माण हेतु केन्द्र सरकार 4,000 रुपए तथा राज्य सरकार 1,333 रुपए देगी, जो कुल मिलाकर 5,333 रुपए हैं, शेष राशि अन्य स्रोतों से पूरी की जाएगी तथा सामुदायिक/ सार्वजनिक शौचालयों के लिए 65,000 रुपए प्रति सीट उपलब्ध कराई जाएगी।

 

इस अवसर पर सुलभ ने अपनी उपलब्धि एवं क्षमताओं पर आधारित एक प्रस्तुतीकरण पेश की। दरअसल, सुलभ ने नामांकन के आधार पर कर्नाटक में अनेक सरकारी एजेंसियों के साथ करार किया है और इस अभियान को सफल बनाने के लिए संस्था हर सम्भव प्रयास करेगी। इसकी अत्यधिक प्रशंसा की गई और सुलभ के स्थानीय प्रतिनिधियों से दर्शकों का परिचय कराया गया।

 

साभार : सुलभ इण्डिया फरवरी 2015

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