कुमार कृष्णन
केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना ‘नमामि गंगे’ को सरजमीं पर उतारने की दिशा में झारखण्ड सरकार ने पहल आरम्भ कर दी है। इसके तहत झारखण्ड से सटे गंगा किनारे के 78 गाँवों में शौचालय निर्माण का काम आरम्भ कर दिया गया है। सरकारी दावा है कि यह काम मार्च 2016 तक पूरा हो जायेगा। साहेबगंज से राजमहल तक गंगा से सटे 78 गाँवों के सौ फीसदी घरों में शौचालय निर्माण का लक्ष्य रखा गया है।
साहेबगंज और राजमहल क्षेत्र में गंगा से सटे क्षेत्र की कुल लम्बाई 63 किलोमीटर है। यह क्षेत्र कुल छह प्रखण्डों, 33 पंचायतों और 78 गाँवों में है। इस क्षेत्र में कुल 45,000 होल्डिंग की निशानदेही की गयी है जिसमें 39,400 घरों में शौचालय का निर्माण होना है। अक्टूबर में नमामि गंगे प्रोजेक्ट आरम्भ हुआ था। इसके तहत मार्च 2015 तक 5,000 शौचालय का निर्माण कराया जा चुका है। शेष बचे हुए घरों में 2016 तक शत-प्रतिशत काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही अलग-अलग क्षेत्रों में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया जाएगा।
यहाँ सबसे बड़ी चुनौती है कि गंगा से सटे 16 गाँव ऐसे हैं जो बारिश के दिनों में तीन से चार माह पानी में डूबे रहते हैं। इन क्षेत्रों में शौचालय बनाना विभाग के लिए चुनौती है। इन गाँवों में बायो डायजेस्टिी सिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा। इस सिस्टम का इस्तेमाल हवाई जहाज आदि में किया जाता है। इससे पानी खत्म होने के बाद भी इस्तेमाल किया जा सकेगा।
स्वच्छ भारत मिशन के राज्य समन्वयक रवीन्द्र वोहरा बताते हैं कि तेजी से काम किया जा रहा है। इसका पर्यवेक्षण केन्द्र सरकार स्वयं कर रही है। शौचालय निर्माण के साथ-साथ कचरे का प्रबंधन भी किया जाएगा। गंगा से सटे गाँवों में ठोस तथा तरल कचरे के प्रबंधन की योजना लागू की जाएगी। इससे गाँवों से निकलने वाला कचरा गंगा नदी में नहीं जाएगा और प्रदूषण भी नहीं फैलेगा। यह काम 178 करोड़ की लागत से होगा।
राज्य के मुख्य सचिव राजीव गौवा ने शकुंतला सहाय घाट व बिजली घाट पहुँचकर नमामि गंगे अभियान के तहत घाट के सौन्दर्यीकरण के लिए चल रही प्रक्रिया की जानकारी हासिल की। बाद में सभी अधिकारियों ने एलसीटी से समदा स्थित बंदरगाह निर्माण स्थल का जायजा लिया। समदा सीज में नमामि गंगे अभियान के तहत बन रहे शौचालय निर्माण का भी निरीक्षण किया। मुख्य सचिव ने गंगापुल निर्माण में आ रही अड़चन को अविलंब दूर करने का निर्देश दिया। उन्होंने साहिबगंज के अम्बाडीहा में गंगापुल निर्माण स्थल, समदा में बंदरगाह निर्माण स्थल एवं सौंदर्यीकरण स्थल का निरीक्षण किया। मुख्य सचिव के साथ जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव सुखदेव सिंह, पीएचईडी के सचिव अमरेन्द्र प्रताप सिंह, नगर विकास विभाग के सचिव अरुण कुमार सिंह, राजस्व व निबंधन विभाग के सचिव के.के सोन एवं राज्य शहरी विकास अभिकरण के निदेशक राजेश शर्मा भी थे। सूबे के अधिकारियों ने उपायुक्त उमेश प्रसाद सिंह से भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जल्द पूरी करने को कहा।
उपायुक्त साहिबगंज उमेश प्रसाद सिंह का कहना है कि केन्द्र व राज्य सरकार के सहयोग से चलाया जा रहा नमामि गंगे अभियान में झारखण्ड के साहिबगंज जिले का ही चयन किया गया है। जिले के लगभग 81 किमी में प्रवाहित हो रही माँ गंगे से सिंचित 33 पंचायत के 78 गाँव में इस अभियान की सफलता सिर्फ सरकारी तन्त्र से ही सम्भव नहीं है। इसके लिए जनसहयोग जरूरी है। स्वच्छ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता है। स्वस्थ मन से ही हम राष्ट्र के विकास में अपना आर्थिक सहयोग देने में सक्षम हो सकते है। इससे मानव की राष्ट्रीय आय भी बढ़ेगी। उपायुक्त ने लोगों को संकल्प दिलाया कि वे गंगा को स्वच्छ रखेंगे, गंगा तट की सफाई करेंगे व तट पर शौच नहीं करेंगे। पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार भास्कर ने कहा कि आज 125 करोड़ भारतवासियों के लिए माँ गंगा जीवन दायिनी की भूमिका निभा रही है। यदि माँ गंगा का पानी ही प्रदूषित हो जाएगा तो फिर बूँद-बूँद पानी के लिए तरसना होगा।
नमामि गंगे योजना के तहत राजमहल नगा पंचायत क्षेत्र के 13 गंगा घाटों पर सफाई अभियान के लिए टीम का गठन किया गया। गंगा सफाई के लिए 13 घाट नौगच्छी घाट, महाजनटोली घाट, ग्वालटोली घाट, बजरंग घाट, रामघाट, नीलकोठी घाट, हनुमान घाट, पद्दु दर्जी घाट, काशीनाथ घाट, संगत घाट, संगीदलान घाट, एलसीटी घाट व श्मशान घाट का चयन कर वहाँ के लिए टीम गठित कर दी गई है। टीम में सरकारी व गैर-सरकारी सभी लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की गई है।
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