इंदौर, पत्रिका। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने खान नदी शुद्धिकरण और सफाई मामले में निगम अफसरों की भूमिका को गम्भीरता से लिया है। ट्रिब्यूनल ने आयुक्त को आदेश दिए हैं, निगम के जिम्मेदार अफसरों को मामले की गम्भीरता से अवगत कराएँ। जिस भी निगम अफसर के क्षेत्र में नदी किनारे कचरा या मलबा नजर आए उस पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करें। ट्रिब्यूनल ने कहा, निगम अपने अफसरों को नदी सफाई कार्य की क्षेत्रवार जिम्मेदारी सौंपे और काम पूरा होने पर फोटोग्राफ सहित रिपोर्ट लें। संभागायुक्त को पूरे कार्य की निगरानी के निर्देश दिए हैं।
ट्रिब्यूनल की भोपाल बेंच ने विकास मित्र दृष्टि-2050 की खान नदी को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिए। याचिकाकर्ता किशोर कोडवानी के अनुसार पिछले दिनों हुई सुनवाई का आदेश शनिवार को जारी किया गया।
जस्टिस दलीप सिंह और राजन चटर्जी ने कहा, सफाई के लिए पर्याप्त प्रयास करें। नदी प्रवाह क्षेत्र व किनारों पर फेंके जा रहे कचरे व मलबे को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाए। ट्रिब्यूनल की जानकारी में आया है कि सफाई की जिम्मेदारी कार्यपालन यंत्री राकेश शर्मा को दी गई है। उनसे अपेक्षा है, वह दिए गए प्लान के अनुसार कार्य करें। हर क्षेत्र की जिम्मेदारी सहयोगी अफसर को दें। पूरे कार्य की विस्तृत रिपोर्ट 21 जुलाई को पेश की जाए।
1800 डम्पर कचरा
निगम ने बताया, नदी सफाई का कार्य जोरों पर है। अलग-अलग क्लस्टर बना कर सफाई की जा रही है। भागीरथपुरा से रामबाग तक पोक लेन व जेसीबी मशीन से मलबा निकाला जा रहा है। 1800 ट्रिप मलबा 16 वाहनों से ढोया गया है। इसके अलावा राजाबाग कॉलोनी, गणगौर घाट, करबला पुल के आसपास कार्य जारी है।
साभार : राजस्थान पत्रिका 1 जून 2015
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