स्वच्छता को अपनाने के साथ-साथ गाँव के वातावरण को साफ रखना भी आवश्यक है। गाँव के वातावरण को स्वच्छ रखे बगैर हम स्वच्छता को अपनी शैली नहीं बना पाएँगे। उदाहरण के लिए हम लोग अपने घरों को साफ रखते हैं लेकिन कूड़ा सड़कों पर फेंक देते हैं। घरेलू सोकेज पिट बनवाकर देखभाल नहीं करते जिससे पानी बाहर बह जाता है। छोटे बच्चे अपने घर के बाहर सार्वजनिक नालियों या सड़कों पर शौच करते हैं। गाँव की नालियाँ कीचड़- पानी से भरी रहती हैं। बाजार, विद्यालय तथा सार्वजनिक स्थानों पर कूड़े इत्यादि का ढेर लगा रहता है ।
इसके अलावा सार्वजनिक जल स्रोतों पर कीचड़ का ढेर पर्यावरण के लिए खतरा है। गाँव में नालियों का अभाव पानी का जमाव कर सकता है जिससे मच्छर पैदा होंगे। इसलिए हमें वातावरण साफ रखना चाहिए।
याद रखने वाली बाते :-
1. नियमित रूप से अपने गाँव की सफाई करें।
2. नालियाँ साफ रखें।
3. सड़कों पर न थूकें।
4. खुले में शौच न करें बल्कि शौचालय का प्रयोग करें।
5. मानव मल तथा पशुमल का सुरक्षित निपटान करें।
साभार : पानी, स्वच्छता एवं आजीविका मार्गदर्शिका
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