गाजियाबाद, 26 मई (ब्यूरो): अगर अब कोई कूड़ा, पत्तियाँ, बेकार प्लास्टिक की रबर, ज्वलनशील पदार्थ या इसी तरह की वेस्ट सामग्री खाद के गड्ढों में डालने के बजाय खुले स्थान पर जलाएगा, जिससे वायु प्रदूषण होता है तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए जीडीए ने नोडल अफसरों की नियुक्ति कर दी है, जो इस कार्रवाई को अंजाम देंगे। ऐसे व्यक्ति पर पाँच हजार रुपए जुर्माना भी लगाया जा सकता है। इसके अलावा नोडल अफसरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने इलाके में एक सप्ताह के भीतर वेस्ट मैटीरियल को एकत्रित करके कम्पोस्ट खाद तैयार कराने के लिए गड्ढे बनवाने की जरूरी कार्रवाई भी करें।
जीडीए के सचिव रविन्द्र गोडबोले ने बताया कि अक्सर देखने में आया है कि उद्यानीकृत क्षेत्रों में हुए पतझड़ के कारण या काम के स्थान पर सफाई करते समय कूड़ा, गारबेज, पत्तियाँ, वेस्ट प्लास्टिक रबर, ज्वलनशील पदार्थ और इसी तरह की अन्य सामग्री को उठाकर खाद के गड्ढों में डालने के बजाय जला दिया जाता है, जिससे वायु प्रदूषण होता है।
वायु प्रदूषण व्यक्तियों, खासकर बच्चों के लिए अत्यधिक हानिकारक है। किसी भी वेस्ट मैटीरियल को सभी जगह पर खुले स्थान पर जलाए जाने पर राष्ट्रीय स्तर के अधिकरणों की ओर से रोक लगा दी गई है, जिसके लिए तमाम निर्देश भी दिए गए हैं। इन निर्देशों के पालन के लिए नोडल अफसरों की नियुक्ति की गई है, जो अपने-अपने इलाकों में ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। इस तरह की शिकायत जीडीई की वेबसाइट www.gdagaziabad.com की हेल्पलाइन पर भी दर्ज कराई जा सकती है।
उन्होंने बताया कि नोडल अफसर अपने क्षेत्र में शिकायत मिलने पर कार्रवाई करने के लिए अधिकृत हैं और ऐसा करने वाले व्यक्ति पर पाँच हजार रुपए का जुर्माना भी लगा सकते हैं। जुर्माने से मिलने वाली राशि को एक अलग खाते में रखते हुए समय-समय पर पर्यावरण से सम्बन्धित गतिविधियों में उसका इस्तेमाल किया जा सकेगा। अगर कोई व्यक्ति ऐसे पदार्थ जलाए जाने पर दण्ड आरोपित करने के आदेश से इंकार करता है, तो उसके खिलाफ जरूरी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सम्बन्धित नोडल अफसरों को यह निर्देश भी दिए जाते हैं कि वह अपने-अपने क्षेत्रों में एक सप्ताह में पत्ती आदि वेस्ट मैटीरियल को एकत्रित करके कम्पोस्ट खाद तैयार कराने के लिए जरूरी गड्ढे (कम्पोस्ट पिट) बनवाना तथा वेस्ट मैटीरियल को खड्डों में एकत्रित किया जाना तय करेंगे। जीडीए के विकसित या उद्यानीकृत किए जा रहे क्षेत्रों में प्रोजेक्ट के प्रभारी व अधीनस्थ अधिकारी को अगर कोई वेस्ट मैटीरियल जलाने की सूचना मिलती है तो वे सभी अधिकारी व कर्मचारी भी निजी तौर पर दण्ड व हर्जाने के लिए उत्तरदायी होंगे।
साभार : नवोदय टाइम्स 27 मई 2015
/articles/aba-kauudaa-jalaayaa-tao-khaaira-nahain-daenaa-haogaa-jauramaanaa