पुस्तकें और पुस्तक समीक्षा

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जंगल की पीड़ा
Posted on 22 Jan, 2018 04:28 PM


एक अकेला थक जाएगा...।
साथी हाथ बढ़ाना…!

well
बूँदों के तराने
Posted on 22 Jan, 2018 12:51 PM


पानी की बात चले और कबीर की रचना कोई न सुनाए - ऐसा कैसे हो सकता है। कबीर ने पानी के विविध प्रसंगों के माध्यम से जीवन-दर्शन की बहुत ही सहज ढंग से चर्चा की है।

water structure
बूँदों का जंक्शन
Posted on 22 Jan, 2018 12:41 PM


मैं गंवई गाँव का
वह रेलवे स्टेशन
जहाँ सुखों की एक्सप्रेस
ठहरती नहीं,
धड़धड़ाती निकल जाती है
और हाथ हिलाते रह जाते हैं
इच्छाओं के मारे ग्रामीण जन।

pond
अस्तित्व की लड़ाई
Posted on 13 Jan, 2018 04:07 PM
नई किताब मोनार्क बटरफ्लाई और मिल्कवीड के बीच असामान्य पारिस्थितिक सम्बन्ध को उजागर करती है…
जलवायु परिवर्तन के कारक
Posted on 08 Jan, 2018 04:07 PM

 

जलवायु परिवर्तन

 

 

जलवायु और उसके घटक
Posted on 08 Jan, 2018 12:35 PM
पृथ्वी के उद्भव से लेकर आज तक इसमें निरन्तर परिवर्तन हो रहा है। परिवर्तन प्रकृति का नियम है। यह कभी तीव्र तो कभी मन्द गति से होता है। कुछ परिवर्तन लाभकारी होते हैं, तो कुछ हानिकारक। स्मरण रहे, मानव पर प्रभाव डालने वाले तत्वों में जलवायु सर्वाधिक प्रभावशाली है, क्योंकि यह पर्यावरण के अन्य कारकों को भी नियंत्रित करता है। सभ्यता के आरम्भ और उद्भव में जहाँ तक आर्थिक विकास का सम्बन्ध रहा है, जलवा
कुदरत की बातें कर रहीं हैं किताबें
Posted on 07 Jan, 2018 04:14 PM
दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे विश्व पुस्तक मेला में न सिर्फ मानव सम्बन्धों पर आधारित किताबें हैं, बल्कि पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन का आधार लिये किताबों की भी बहुतायत है। स्मिता बता रहीं हैं कि अब ऐसी किताबें पाठकों को खूब पसन्द आ रही हैं तभी तो इस बार पुस्तक मेले की थीम भी यही है...
हाड़ौती के प्रमुख जल संसाधन (Major water resources of Hadoti)
Posted on 01 Jan, 2018 04:17 PM
भारत के प्राचीन ग्रंथों में आरम्भ से ही जल की महत्ता पर बल देते हुए इसके संचयन पर जोर दिया गया है। ‘जलस्य जीवनम’ के सिद्धान्त को चरितार्थ करते हुए विश्व की समस्त प्राचीन सभ्यताओं का विकास विभिन्न नदियों की घाटियों में हुआ है।1 इसका मुख्य कारण यह है कि जल मानव जीवन के सभी पक्षों से जुड़ा रहा है। जल की उपयोगिता के महत्त्व को ध्यान में रखते हुए मानव समाज ने जल संचय अथवा जल संग्रह के ऐ
जन भागीदारी एवं सुझाव
Posted on 24 Dec, 2017 04:55 PM

झील की आयु :


गाद जमाव (Silt deposition) को प्राकृतिक क्रिया समझकर उसकी उपेक्षा करना ठीक नहीं है। गाद भराव से झीलें छिछली होती जाती हैं। यह क्रिया इतने धीरे होती है कि पता नहीं चलता। इसके फलस्वरूप झीलें एक न एक दिन दलदल का रूप ले लेती हैं। जिन्हें बाद में अनूप (Swamp) अथवा घास मुक्त दल-दल (bogs) कहा जाने लगता है।
जल संरक्षण एवं पर्यावरण विधि
Posted on 24 Dec, 2017 01:22 PM
एक जागरूक नागरिक होने के नाते हमें पर्यावरण और पारिस्थितिक संतुलन से सम्बन्धित कानूनों की जानकारी होनी चाहिए। जन साधारण की जानकारी के लिये पर्यावरण प्रदूषण से सम्बन्धित कुछ महत्त्वपूर्ण कानूनों का उल्लेख यहाँ पर किया जा रहा है।
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