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वर्षा जल संग्रहण
बरसा सौ कोस....
Posted on 20 Jan, 2009 07:42 AM`घाघ´ कहें, बरसा सौ कोस....
अगर चींटियां नन्हें कदमों से बड़ी तेजी से चलते हुए अपने अंडों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहीं हों, कौवे भी महफूज स्थानों पर घौसलें खोज रहे हो, मोर मस्त होकर झूम रहे हों, टिटिहरी टी...टी..टी...करती घूम रही हो तो समझ लीजिए कि मानसून आने वाला है।
जीव जंतुओं की ये गतिविधियां मानसून के आने के प्रचलित और लोकप्रिय पूर्वानुमान हैं। उत्तर भारत में बरखा रानी के आने का समय कवि `घाघ´ कुछ इस तरह बताते हैं -
दिन में बद्दर, रात निबद्दर
बहे पुरवइया,झब्बर-झब्बर
दिन में गरमी,रात में ओस
`घाघ´ कहें, बरसा सौ कोस
मालवा की जल समस्या के उपाय
Posted on 05 Oct, 2008 09:03 AMडॉ. विनोद न. श्राफ
मालवा व अन्य स्थानों पर इस प्रकार की पारिस्थितिकीय बदलाव, भौतिक उथल-पुथल, भू-क्षरण, जैव कार्बन (आर्गेनिक कार्बन) की कमी से भूमि की जल संधारण क्षमता में कमी आने पर फसलों पर थोड़े से सूखे में अधिक विपरीत असर से फसल उत्पादन में गिरावट आ रही है। ऐसे में कुछ सुझावों पर जरूर अमल किया जाना चाहिए . . .
नाली/कुंडी बने हैं बरदान
कोशिश रंग लाई, मिला पानी
Posted on 03 Oct, 2008 12:57 AMआईबीएन-7/सिटिज़न जर्नलिस्ट सेक्शन
नरेन्द्र नीरव, सोनभद्र जिले के ओबरा का रहने वाला हैं। सूखा ग्रस्त टोले का परासपानी गांव आज 5 सालों के मेहनत, परिश्रम और लोगों के लगन का नतीजा है यह कि जहां सूखा था वहां पानी दिख रहा है।
सूखा क्षेत्र के लिए बना वरदान
Posted on 26 Sep, 2008 11:05 AMबांदा। दिल में अगर कुछ कर दिखाने का प्रशासनिक जज्बा हो तो अनेक दुरूह प्राकृतिक एवं भौगोलिक समस्या का निदान हो जाता है। कुछ यही जज्बा दिखाया है नरैनी तहसील के ज्वाइंट मजिस्ट्रेट (आईएएस) जुहैर बिन सगीर ने, इन्होंने जिले के भूगर्भ के गिरते जलस्तर को रिचार्ज करने के लिए अपनी एक अनोखी तरकीब को मूर्त रूप दिया है। इसका नाम रिचार्जिग रिंग वेल रखा है। प्रदेश में यह अपने आपमें अनोखी विधि का यह ईजाद माना
मुसीबत नहीं, मुनाफे की बाढ़
Posted on 23 Sep, 2008 05:21 PMवीरेंद्र वर्मा / नई दिल्ली : यमुना की बाढ़ दिल्ली के लिए मुसीबत बनने की बजाय मुनाफे का सौदा साबित हो सकती है। गुजरात और कुछ लैटिन अमेरिकी देशों का सबक दिल्ली के लिए फायदेमंद हो सकता है। दिल्ली के चारों ओर एक नहर बनाकर बाढ़ के पानी को रीचार्ज किया जाए तो राजधानी की धरती पानी से मालामाल हो जाएगी। दो-तीन साल में ही दिल्ली का गिरता भूजल स्तर सामान्य स्थिति पर पहुंच जाएगा, इससे जमीन के पानी का खाराप
रुफटोप वर्षा जल संचयन : कैसे करें
Posted on 23 Sep, 2008 11:33 AMछत पर प्राप्त वर्षा जल का भूमि जलाशयों में पुनर्भरण निम्नलिखित संरचनाओं द्वारा किया जा सकता है।
1. बंद / बेकार पड़े कुंए द्वारा
2. बंद पड़े/चालू नलकूप (हैंड पम्प) द्वारा
3. पुनर्भरण पिट (गङ्ढा) द्वारा
4. पुनर्भरण खाई द्वारा
5. गुरुत्वीय शीर्ष पुनर्भरण कुँए द्वारा
6. पुनर्भरण शिफ्ट द्वारा
गुरुत्वीय शीर्ष पुनर्भरण कुँए द्वारा
हवा-पानी की आजादी
Posted on 17 Sep, 2008 02:50 PMआजादी की 62वीं वर्षगांठ, हर्षोल्लास के माहौल में भी मन पूरी तरह खुशी का आनन्द क्यों महसूस नहीं कर रहा है, एक खिन्नता है, लगता है जैसे कुछ अधूरा है। कहने को हम आजाद हो गए हैं, जरा खुद से पूछिए क्या आपका मन इस बात की गवाही देता है नहीं, क्यों?