मानसून
मानसून के प्रवेशद्वार पर नया रडार
Posted on 12 Jul, 2017 07:12 PMनई दिल्ली, 12 जुलाई (इंडिया साइंस वायर) : मौसमी गतिविधियों पर निगरानी के लिए हाल में देश में विकसित एक रडार की स्थापना केरल के कोचीन में की गई है, जो वायुमंडलीय अध्ययन संबंधी शोध कार्यों को बढ़ावा देने में मददगार साबित हो सकता है।
मानसून पूर्वानुमानों का सन्देश
Posted on 18 Apr, 2016 09:59 AM
देश के अलग-अलग राज्यों खासकर मराठवाड़ा, बुन्देलखण्ड और अन्य अंचलों में गहरा रहे मौजूदा जल संकट की परेशान करने वाली खबरों के बीच मौसम विभाग और स्काइमेट का हालिया पूर्वानुमान, काफी हद तक राहत प्रदान करता है। यह राहत 2016-17 के लिये है।
मौसम विभाग के पूर्वानुमान में बताया है कि इस साल मानसून समय पर आएगा। जून से लेकर सितम्बर के बीच 106 प्रतिशत तक बारिश (अधिकतम पाँच प्रतिशत घट-बढ़) हो सकती है। अर्थात इस साल कम-से-कम 101 प्रतिशत और अधिक-से-अधिक 111 प्रतिशत वर्षा होने की सम्भावना है।
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मानसून की भविष्यवाणी और उसकी विविध आयामी हकीकत
Posted on 22 Jun, 2015 01:30 PM
भारतीय मौसम विभाग का अनुमान है कि सन् 2015 में भारत में सामान्य से लगभग 12 प्रतिशत पानी कम बरसेगा। मानसून की कमी का असर खेती पर होगा और उसका प्रतिकूल असर अर्थव्यवस्था पर भी देखने को मिलेगा। मानसून की कमी की सम्भावना को ध्यान में रख सरकार द्वारा आवश्यक इन्तज़ाम किये जा रहे हैं। जहाँ तक खाद्यान्नों का प्रश्न है तो देश में अनाज का पर्याप्त भण्डार उपलब्ध है इसलिये नागरिकों द्वारा अन्न की कमी महसूस नहीं की जाएगी।
मौसम विभाग द्वारा लम्बी अवधि की सालाना बरसात की मात्रा के आधार पर औसत वर्षा का निर्धारण किया जाता है। इसे सामान्य (Normal) वर्षा कहते हैं। आधुनिक युग में मौसम विभाग द्वारा हर साल वर्षा का पूर्वानुमान घोषित किया जाता है। बरसात के दिनों में वर्षा की दैनिक स्थिति की सम्भावना पर बुलेटिन जारी की जाती है।
![मानसून](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/monsoon_0_16.jpg?itok=N--8AEcO)
मानसून मिशन
Posted on 02 Feb, 2015 11:51 PM भारत में हर साल जितनी वर्षा होती है उसका अधिकांश भाग ग्रीष्मकालीनभारतीय मौसम पूर्वानुमान तकनीक की प्रासंगिकता
Posted on 27 Oct, 2014 12:05 AMभारतीय सभ्यता काफी पुरानी है। काल के इस लम्बे अंतराल में हुए अनुभवोप्रकृति का महाभाष्य
Posted on 24 Sep, 2014 10:45 AM मेघ जड़ रूप नहीं है। जिसे हम जड़ समझते हैं वह वास्तव में प्रकृति कमौसम बिगड़ने की अदृश्य चेतावनियां
Posted on 23 Sep, 2014 11:13 AM 21वीं सदी की शुरुआत में ही आए प्राकृतिक प्रकोपों ने साफ कर दिया है![weather](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/weather_8.jpg?itok=56JDXs-F)