पुस्तकें और पुस्तक समीक्षा

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नदियां गाती हैं
Posted on 12 Sep, 2009 07:53 PM

लेखक- डॉ. ओम प्रकाश भारती
पता-11/56, Sec-3, राजेंद्र नगर, साहिबाबाद, गाजियाबाद, उत्तरप्रदेश, भारत
ईमेल: opbharati@yahoo.com
प्रकाशन: धरोहर, 2002,
192 पृष्ठ,
कीमत- रू. 192/-
रिव्यू- नरेश जैन, यू के
ईमेल: nareshkj@hotmail.com/ nareshjain@gmail.com
नरेगा एक परिचय
Posted on 06 Jul, 2009 12:21 PM

राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम 2005

ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (नरेगा) 2005 सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है जो गरीबों की जिंदगी से सीधे तौर पर जुड़ा है और जो व्यापक विकास को प्रोत्साहन देता है। यह अधिनियम विश्व में अपनी तरह का पहला अधिनियम है जिसके तहत अभूतपूर्व तौर पर रोजगार की गारंटी दी जाती है। इसका मकसद है ग्रामीण क्षेत्रों के परिवारों की आजीविका सुरक्षा को बढाना। इसके तहत हर घर के एक वयस्क सदस्य को एक वित्त वर्ष में कम से कम 100 दिनों का रोजगार दिए जाने की गारंटी है। यह रोजगार शारीरिक श्रम के संदर्भ में है और उस वयस्क व्यक्ति को प्रदान किया जाता है जो इसके लिए राजी हो। इस अधिनियम का दूसरा लक्ष्य यह है कि इसके तहत टिकाऊ परिसम्पत्तियों का सृजन किया जाए और ग्रामीण निर्धनों की आजीविका के आधार को मजबूत बनाया जाए। इस अधिनियम का मकसद सूखे, जंगलों के कटान, मृदा क्षरण जैसे कारणों से पैदा होने वाली निर्धनता की समस्या से भी निपटना है ताकि रोजगार के अवसर लगातार पैदा होते रहें।

बूँद बूँद आनंद
Posted on 29 Jun, 2009 01:43 PM जयजयराम आनंद का दोहा संग्रह ,बूँद बूँद आनंद ,कथ्य जल और उसके चारों ओर घूमता है जो लगभग ५५० दोहों में सिमटा बूँद बूँद आनंद है. इन दोहों में इतिहास, भूगोल, संस्कृति, ज्ञान विज्ञान भूगर्भ एवम् जल विज्ञान, सभ्यता का विकास, सृजन आदि का समावेश है. ग्यारह खंडों में पसरा जल का वर्णन मिलेगा :जल महिमा.
मृगतृष्णा झुठलाते तालाब
Posted on 23 Apr, 2009 12:53 PM


देश भर में पानी का काम करने वाला यह माथा रेगिस्तान में मृगतृष्णा से घिर गया था।

Aaj bhi khare hain talab Back cover
साफ माथे का समाज
Posted on 18 Apr, 2009 06:39 PM


तालाब में पानी आता है, पानी जाता है। इस आवक- जावक का पूरे तालाब पर असर पड़ता है। वर्षा की तेज बूंदों से आगौर की मिट्टी धुलती है तो अगार में मिट्टी घुलती है। पाल की मिट्टी कटती है तो आगर में मिट्टी भरती है।

saaf mathe ka samaj
सागर के आगर
Posted on 15 Apr, 2009 06:58 PM


तालाब एक बड़ा शून्य है अपने आप में।

talab
संसार सागर के नायक
Posted on 15 Apr, 2009 10:59 AM


कौन थे अनाम लोग?

Anupam Mishra
नींव से शिखर तक
Posted on 14 Apr, 2009 06:13 PM


आज अनपूछी ग्यारस है। देव उठ गए हैं। अब अच्छे-अच्छे काम करने के लिए किसी से कुछ पूछने की, मुहुर्त दिखवाने की जरूरत नहीं है। फिर भी सब लोग मिल-जुल रहे हैं, सब से पूछ रहे हैं। एक नया तालाब जो बनने वाला है।...

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