नीतियां, कानून और विनियम

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पर्यावरण से संबंधित फैसलों में हितों का टकराव
Posted on 12 Oct, 2010 03:32 PM
भारत का समाजवादी लोकतंत्र प्रतिनिधित्व की राजनीति में अच्छी तरह रचा-बसा है। यहां विशेषज्ञों की सभा और समिति के बारे में आमतौर पर यह माना जाता है कि वे स्थितियों को बेहतर ढंग से समझते हैं। बनिस्बत उनके, जो ऐतिहासिक तौर पर सत्ता प्रतिष्ठान में निर्णायक भूमिका रखते हैं। यह सब एक प्रक्रिया के तहत होता है। इसमें प्राथमिकताएं सुनिश्चित होती हैं, योजनाओं का मूल्यांकन किया जाता है और विकास के रास्ते
भूगर्भ जल के संरक्षण, सुरक्षा एवं विकास हेतु प्रस्तावित विधेयक पर 45 दिनों में लोगों से सुझाव एवं प्रतिक्रिया की अपील
Posted on 29 May, 2010 09:36 PM लखनऊ। मुख्य सचिव श्री अतुल कुमार गुप्ता ने आज मीडिया सेन्टर में पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि भूजल संसाधनों के संरक्षण, सुरक्षा, प्रबन्ध, नियोजन एवं विनियमन हेतु राज्य सरकार द्वारा लोकहित में एक अधिनियम बनाने का निश्चय किया गया है। उक्त के सम्बन्ध में व्यापक विचार-विमर्श के उपरान्त राज्य सरकार द्वारा तैयार किये गये प्रस्तावित अधिनियम को जनमानस के सुझाव एवं प्रतिक्रिया प्राप्त करने हेतु आज
उ0प्र0 भूगर्भ जल संरक्षण, सुरक्षा एवं विकास (प्रबन्ध, नियंत्रण एवं विनियमन)विधेयक 2010
Posted on 29 May, 2010 11:43 AM उ0प्र0 भूगर्भ जल संरक्षण, सुरक्षा एवं विकास (प्रबन्ध, नियंत्रण एवं विनियमन)विधेयक 2010 का ड्राफ्ट तैयार किया गया है। यह ड्राफ्ट अधिनियम प्रदेश में भूगर्भ जल के वर्तमान परिदृश्य पर आधारित है जिसमें विभिन्न हाईड्रोजियोलाजिकल स्थितियों के अनुरूप भूजल विकास (दोहन) एवं भूगर्भ जल में गिरावट के ट्रेन्ड केअनुसार सुरक्षित, सेमी क्रिटिकल, क्रिटिकल एवं अतिदोहित श्रेणी में वर्गीकृत यूनिटस/क्षेत्र के अनुसार वि
समाधान हेतु उपयुक्त जल नीति
Posted on 09 Mar, 2010 08:27 AM चूँकि जल का स्वभाव ही स्थलाकृति के अनुरूप अपना आकार बदल लेना तथा ऊपर से नीचे की ओर बहना है इसलिए उसके स्वभाव के विपरीत उसपर नियंत्रण कायम करना आंशिक तौर पर ही संभव हो पाता है। ऐसी स्थिति में वर्चस्वशाली व्यक्ति अथवा समूह जल पर इस प्रकार नियंत्रण स्थापित करते हैं कि उसका लाभ तो उन्हें मिले लेकिन नुकसान दूसरों को झेलना पड़े। उदाहरणस्वरूप जलस्रोत के समीप ऊपर की ओर रहने वाले लोग पानी की कमी के दिनों म
मगध की जल समस्या
Posted on 08 Mar, 2010 10:45 PM क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति के अनुरूप जल व्यवस्था मगध क्षेत्र में लम्बे समय तक कायम रही। किन्तु अनेक कारकों के प्रभाववश अब यहाँ की जल-व्यवस्था काफी हद तक छिन्न-भिन्न हो गई है।
एक लाख जल निकायों की बहाली (रिपेयर, रिनोवेशन, रिस्टोरेशन वाटरबॉडीज स्कीम)
Posted on 09 Sep, 2009 12:17 PM

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 4000 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत पर घरेलू समर्थन के साथ, 9 लाख हेक्टेयर के जलग्रहण क्षेत्र वाले एक लाख जल निकायों की बहाली, मरम्मत और नवीनीकरण करने की योजना को मंजूरी दे दी है। योजना के पूरा होने के बाद लगभग 4 लाख हेक्टेयर.
सुप्रीम कोर्ट ने दी यमुना किनारे निर्माण को मंजूरी
Posted on 01 Aug, 2009 12:33 PM
जब मैं केन्द्रीय भूजल बोर्ड का अध्यक्ष रहा उस समय CGWB ने यमुना के इन जलजनित क्षेत्र का विस्तृत अध्ययन किया था और उसके अनुसार इन मैदानों का रक्षण क
बिहार भूगर्भ जल अधिनियम
Posted on 03 Dec, 2008 09:39 AM बिहार भूगर्भ जल अधिनियम का मूल ड्राफ्ट यहां संलग्न है। 29 जनवरी 2007 को पारित इस अधिनियम में भूगर्भ जल प्राधिकरण के निर्माण का प्रावधान था।

भूगर्भ जल विकास के साध ही जल प्रबंधन और नियमन की वैधानिक ताकत भी इससे भूगर्भ जल प्राधिकरण को प्राप्त होती है।

मूल ड्राफ्ट यहां संलग्न है -
उत्तरप्रदेश में जल संसाधन प्रबंधन और नियामक आयोग
Posted on 01 Nov, 2008 10:11 PM

पिछले माह उत्तरप्रदेश सरकार ने “जल संसाधन प्रबंधन और नियामक आयोग” संबंधी अधिनियम बना लिया है। उत्तरप्रदेश में जल संसाधनों का अंधाधुंध दोहन अब संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आ गया है। राज्यपाल टीवी राजेस्वर ने 'उत्तर प्रदेश जल प्रबंधन एवं नियामक आयोग विधेयक 2008' को मंजूरी दे दी है। इस कानून में जल संसाधनों को विनियमित करने, इसका विवेकपूर्ण उपयोग करने, कृषि कार्यो के लिए समुचित प्रयोग करने तथा भूगर

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