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मंगल तुझमें कितना पानी
Posted on 16 Mar, 2014 10:18 PM
प्रख्यात विज्ञान शोध पत्रिका ‘नेचर जिओसाइंस’ में जब 28 सितम्बर 2015 को 'Spectral evidence for hydrated salts in recurring slope lineae on Mars' शीर्षक शोध पत्र प्रकाशित हुआ तो विज्ञान जगत के साथ-साथ मीडिया जगत में भी हलचल मच गई। तरह-तरह के अनुमान लगाए जाने लगे- ‘अब मंगल पर बसेंगी मानव बस्तियाँ’, ‘पानी है तो मंगल पर जीवन भी अवश्य होगा-बस खोजना भर ब
मंगल पर पानी
प्रकृति में जल-चक्र और जल-संतुलन
Posted on 14 Mar, 2014 01:26 PM प्रकृति में जल-चक्र और जल-संतुलन विनोद बिहारी लाल पानी आज विश्व की विकरालतम समस्याओं में से है। हर वर्ष बाढ़ और सूखे से हजारों जान
पानी पियो मोरे राम
Posted on 14 Mar, 2014 12:27 PM मई की तपती दोपहरी में पाँच कोस पैदल यात्रा के बाद मुझे एक दुर्लभ प्याऊ का दर्शन हुआ जहाँ के निर्मल जल
सेनिटेशन गोलमेज का आयोजन
Posted on 08 Mar, 2014 04:16 PM आईआईटी दिल्ली और युनिसेफ ने “टेक पू टू द लू” अभियान के तहत सेनिटेशन पर किया एक गोलमेज सम्मेलन का आयोजन, खुले में शौच जाने की समस्या के समाधान के लिए एक राष्ट्रीय अभियान
पानी पर व्यंग्य कथाएं
Posted on 04 Mar, 2014 01:10 PM

(एक)


यहां पानी रुका हुआ था और नीचे वहां पानी के लिए हाहाकार था।
‘पानी छुड़वाइए साहब...’
‘क्यों जनाब?’
‘लोग प्यासे मर रहे हैं, इसीलिए...’
‘छोड़ दिया, तो बाढ़ से मर जाएँगे।’
‘इतना तो खैर आप क्या छोड़ेंगे... परंतु तनिक तो छोड़िए। सबको पानी तो बराबर मिल जाए...’

‘...तू कम्यूनिस्ट है क्या?’

गंगा में नाला
पानी को ‘पानी की तरह’ न बहावें
Posted on 04 Mar, 2014 10:40 AM
प्रकृति की अनुपम बेशकिमती सौगात है पानी,
दुनिया में नहीं इसका कोई विकल्प और सानी,
वक्त का तकाजा है इसकी अहमियत को समझें और कद्र करें।
दूसरे की जरूरत ध्यान में रख इसे न बहाएं,
बेकार जल है अनमोल इसकी कीमत दिल से करें स्वीकार।

डॉ. सेवा नंदलाल
संगम विहार, देवली और दक्षिण दिल्ली में पानी के लिए हाहाकार
Posted on 03 Mar, 2014 10:57 AM

रमेश कुमार ने सांसद कोष से दस करोड़ रुपए देने का एलान किया

उ.प्र. में नदियों को पुनर्जीवित करने में समाज और सरकार का सहयोग जरूरी
Posted on 02 Mar, 2014 10:50 AM जल-जन-जोड़ो अभियान तथा परमार्थ समाज सेवी संस्थान के तत्वावधान में जल सुरक्षा, नदी पुनर्जीवन हेतु जल सम
save water
गागर में सिमटते सागर
Posted on 02 Mar, 2014 09:53 AM

पुस्तक समीक्षा


दफन होते दरिया
पंकज चतुर्वेदी
यश पब्लिकेशंस
1/10753, गली नं. 3 सुभाष पार्क
नवीन शाहदरा
दिल्ली 110032
पृ. 174(सजिल्द) रू. 595/

उत्तराखंडी भविष्य का पब्लिक रोड मैप
Posted on 01 Mar, 2014 04:24 PM कहना न होगा कि जो समाज अपना भविष्य किसी और को सौंपकर सो जाता है, उ
declaration of redemption
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