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समाचार और आलेख
तिल-तिल मरती बारहमासी नदियां
Posted on 12 Nov, 2019 04:49 PMमीठे पानी के पारिस्थितिकी तंत्र के साथ अत्यधिक छेड़खानी ने भारी की हर नदी के प्राकृतिक परिदृश्य, उसके स्वरूप और प्रवाह को प्रभावित किया है। पिछले तीन दशकों में बारहमासी नदियां अब खंडित और रुक-रुक कर बने वाली मौसमी नदियां बन रही हैं। भारत की मैदानी नदियां जैसे-गोमती, रामगंगा, चंबल, केन, बेतवा के प्रवाह का एकमात्र आधारभूत स्त्रोत भूजल और वर्षा जल है।
कैंसर की खेती
Posted on 08 Nov, 2019 12:59 PMओडिशा के बरगढ़ में मौत बताकर आती है। यह हर दूसरे दिन, किसी-न-किसी को चपेट में लेकर आगमन की सूचना दे देती है। पश्चिमी ओडिशा के इस जिले में स्थित भोईपाली गाँव में रहने वाले 55 वर्षीय जापा प्रधान के परिवार में वृद्धावस्था से ज्यादा मौतें कैंसर के कारम हुई हैं। महज कुछ दशकों के भीतर जापा ने अपने पिता, दो चाचा और एक चाची को ब्लड कैंसर की वजह से खो दिया। अब कैंसर ने उनकी पीढ़ी पर भी हमला बोल दिया है।
जलती पराली सुलगते सवाल
Posted on 08 Nov, 2019 10:12 AMअन्नदाता किसानों पर हाल के कुछ वर्षों में पराली जलाकर पर्यावरण को नुकसान पहुँचाने का आरोप लगने लगा है। कुछ हद तक यह सही भी है। पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार गत वर्ष 27 सितम्बर से 9 नवम्बर के बीच राज्य में पराली जलाने की कुल 39,973 घटनाएँ दर्ज की गई। इनमें से 22,313 घटनाएँ 1 से 9 नवम्बर के बीच सामने आई।
सूबे में 1951 के अभिलेखों में दर्ज तालाबों को करें बहाल: हाईकोर्ट
Posted on 07 Nov, 2019 04:40 PMइलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश भर के तालाबों को अतिक्रमण से मुक्त कराकर बहाल करने को लेकर कड़ा आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि प्रदेश में 1951-52 के राजस्व अभिलेखों में दर्ज तालाबों से अतिक्रमण हटाकर उन पर दिए गए पट्टे समाप्त किए जाएं और तालाबों को पूर्व की स्थिति में बहाल किया जाए।
भारत जल-स्वावलम्बन प्रस्ताव - 2019
Posted on 07 Nov, 2019 12:28 PMप्रस्तावक : अरुण तिवारी
मूल विचार