उत्तर प्रदेश

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भारत की नदियां
Posted on 19 Sep, 2008 06:18 PM

भारत की नदियों को चार समूहों में वर्गीकृत किया जा सकता है जैसे, हिमाचल से निकलने वाली नदियाँ, डेक्‍कन से निकलने वाली नदियाँ, तटवर्ती नदियाँ ओर अंतर्देशीय नालों से द्रोणी क्षेत्र की नदियाँ। हिमालय से निकलने वाली नदियाँ बर्फ और ग्‍लेशियरों के पिघलने से बनी हैं अत: इनमें पूरे वर्ष के दौरान निरन्‍तर प्रवाह बना रहता है। मॉनसून माह के दौरान हिमालय क्षेत्र में बहुत अधिक वृष्टि होती है और नदियाँ बारिश

नदियां
मौत का पानी : दीपांकर चक्रवर्ती
Posted on 17 Sep, 2008 12:15 PM अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पानी में आर्सेनिक नामक विषैले तत्व की मौजूदगी की ओर उस वक्त लोगों का ध्यान गया, जब 1994-95 में 'द एनालिस्ट' में आपका शोधपत्र छपा, जिस पर 1996 में 'द गार्डियन' में छपे एक लेख में 'द वाटर ऑफ डैथ' (मौत का पानी) शीर्षक से टिप्पणी की गई थी। भूजल में आर्सेनिक विशाक्तता अब पानी को मौत का पानी बना रही है, इंडिया वाटर पोर्टल के लिए दिए गये साक्षात्कार की हिन्दी प्रस्तुति
दीपांकर चक्रवर्ती
जल संरक्षण की चुनौती
Posted on 16 Sep, 2008 11:57 AM

देश की कई छोटी-छोटी नदियां सूख गई हैं या सूखने की कगार पर हैं। बड़ी-बड़ी नदियों में पानी का प्रवाह धीमा होता जा रहा है। कुएं सूखते जा रहे है। 1960 में हमारे देश में 10 लाख कुएं थे, लेकिन आज इनकी संख्या 2 करोड़ 60 लाख से 3 करोड़ के बीच है। हमारे देश के 55 से 60 फीसदी लोगों को पानी की आवश्यकता की पूर्ति भूजल द्वारा होती है, लेकिन अब भूजल की उपलब्धता को लेकर

water consumption
जल-संरक्षण के लिए समाज आगे आये
Posted on 16 Sep, 2008 11:39 AM

सेव वाटर, सेव लाइफ

save water
स्वतंत्रता के समय सिंचाई विकास
Posted on 16 Sep, 2008 08:59 AM स्वतंत्रता के समय भारतीय उपमहाद्वीप में, जिसमें अंग्रेजों के प्रान्त और रजवाड़े शामिल थे, निवल सिंचित क्षेत्र लगミग 28.2 मिलियन हैक्टेयर था। लेकिन देश के विभाजन के कारण स्थिति में अचानक और जबरदस्त बदलाव आ गया जिसके फलस्वरूप सिंचित क्षेत्र दो देशों के बीच बंट गया; भारत और पाकिस्तान में निवल सिंचित क्षेत्र क्रमशः 19.4 मिलियन हैक्टेयर तथा 8.8 मिलियन हैक्टेयर रह गया। सतलज और सिंधु प्रणालियों सहित वृहद
संकट में हैं जीवनदायिनी नदियां
Posted on 11 Sep, 2008 02:06 PM

नदियों को जीवनदायिनी संबोधन देने वाले प्रख्यात साहित्यकार काका कालेलकर ने अपने लेखन में देश की नदियों को लोकमाता के रूप में रेखांकित कर भारतवर्ष की पौराणिक संस्कृति को उजागर किया है। इतिहास गवाह है कि हजारों साल पहले यहां आवासीय व्यवस्था का श्रीगणेश नदियों के किनारे से ही हुआ। यही कारण है कि हड़प्पा के दौरान विकसित संस्कृति को आज सिंधु संस्कृति के रूप में विश्वभर में जाना जाता है।

river
खेत के अंदर तालाब
Posted on 07 Sep, 2008 10:37 PM उत्तर प्रदेश में सूखा प्रभावित क्षेत्रों में राहत पहुंचाने के हरसंभव उपाय किए ही जाने चाहिए। इन उपायों के तहत खेतों में तालाबों के निर्माण की तैयारी बेशक सही दिशा में उठाया गया कदम है। इस योजना के संदर्भ में महत्वपूर्ण यह है कि तालाबों का निर्माण राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के तहत किया जाएगा। स्पष्ट है कि इस योजना से जहां एक ओर निर्धन आबादी को रोजगार का मौका मिलेगा वहीं सूखे की समस्या का दीर्घक
आगरा में यमुना घाटों की सफाई
Posted on 01 Jan, 1970 05:30 AM


सुबिजोय दत्ता

आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर यमुना नदी के प्रदूषण की तरफ विभिन्न राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों का ध्यान केन्द्रित करने के लिए कई स्कूलों के सैकड़ों छात्रों ने वरिष्ठ नागरिकों के साथ रविवार सुबह पोइया घाट की सफाई की. उन्होंने इस दौरान वहां पङे पॉलिथीन बैग और कचरे हटाए.

झांसी के 82 एकड़ के प्राचीन लक्ष्मी-तालाब और 490 एकड़ के नगर-पार्क के अतिक्रमण पर कार्यवाही न करने पर', NGT नाराज
झांसी। सरकार से लगातार अतिक्रमण की शिकायत से थक-हारकर एनजीटी के दरवाजे पर जाना मजबूरी बन गई है। झांसी के एडवोकेट बीएल भाष्कर, गिरजा शंकर राय, नरेन्द्र कुशवाहा की याचिका 165/2021 पर लगातार खेल जारी है। लगभग 82 एकड़ के नगरीय क्षेत्र के प्राचीन लक्ष्मीतालाब और 490 एकड़ के नगर-पार्क की भूमि पर बडे़ पैमाने पर अवैध कब्जे हैं। एनजीटी ने तालाब और नगर-पार्क की भूमि को कब्जामुक्त किये जाने के आदेश दिये थे। एनजीटी के आदेश पर नगर निगम और ‘झांसी विकास प्राधिकरण’ ने कुछ सात धार्मिक स्थलों को चिंहित कर उन्हें नोटिस जारी कर दिया। निजी बिल्डरों की ज़मीन के बारे में कार्रवाई करने की बजाय ‘ प्राचीन धार्मिक स्थलों’ के आड़ में प्राधिकरण अवैध भू-माफियाओं को बचाने में लगा हुआ है। Posted on 04 Jan, 2023 11:56 AM

झांसी। सरकार से लगातार अतिक्रमण की शिकायत से थक-हारकर एनजीटी के दरवाजे पर जाना मजबूरी बन गई है। झांसी के गिरजा शंकर राय, एडवोकेट बी.एल.

सुना है, लक्ष्मी तालाब की सुंदरता पर करोड़ों कर्च हो चुके हैं। फोटो साभार- झांसी फोटोज
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