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हिसार जिला
भू-संरक्षण के उपाय
Posted on 04 Apr, 2011 03:57 PMराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है अतः वे सभी उपाय जो मृदा की उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए किए
गांवों में जल प्रदूषण
Posted on 02 Apr, 2011 03:34 PMप्राकृतिक स्रोत हमारे अपने हैं। इसलिए इनकी सुरक्षा और संरक्षण का दायित्व भी हमारा ही है। अपने दायित्वों की पूर्ति करके ही हम जल-प्रदूषण के खतरे से बचे रह सकते हैं।
दिनोंदिन द्रुतगति से बढ़ती आबादी का पेट भरने के लिए हमारी कृषि भूमि पर दबाव काफी बढ़ गया है जिस कारण अधिकाधिक उपज लेने के लिए रासायनिक उर्वरकों खरपतवार-नाशकों तथा कीटनाशकों आदि का उपयोग भी तेजी से बढ़ गया है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में खतरनाक जल-प्रदूषण को जन्म देता है। इसके अलावा नगरीय कूड़े-कचरे, मल-मूत्र, प्लास्टिक और पॉलीथीन तथा विभिन्न उद्योगों के अवशिष्ट पदार्थों को नदियों तथा अन्य प्राकृतिक जलस्रोतों में बहा देने से भारी मात्रा में जल प्रदूषण पैदा होता है। जल प्रदूषण का दुष्प्रभाव न केवल उन जीवों पर पड़ता है जो जल के भीतर ही जीवनायापन करते हैं, अपितु इसका कुप्रभाव ग्रामीण जनस्वास्थ्य पर भी पड़ता है।आंखों से आंसू निकाल रहा नीर
Posted on 01 Jun, 2019 04:14 PM
पानी को लेकर हर साल हम मुसीबत झेलते हैं, लेकिन उसको सहेजने के प्रति हमारी अन्यमनस्कता जा नहीं रही है। पानी का मोल प्यास लगने पर मालूम होता है। कोई इसका विकल्प नहीं बन सकता। इसलिए इस अनमोल प्राकृतिक संसाधन की एक-एक बूंद बचाइए, तभी हमारी पीढ़ियों का गला तर हो सकेगा।
हैंडपंप ताल तलैया सूखे, रसातल में पानी
ऐतिहासिक कुएं की तस्वीर बदलने का बीड़ा उठाया
Posted on 23 Dec, 2009 09:57 AMसिवानी मंडी. इलाके में ऐतिहासिक कुएं को पुर्नजीवित करने के उद्देश्य से समाजसेवियों ने कदम आगे बढ़ाए हैं। स्वामी दयानंद मार्ग स्थित यह कुआं आजादी से पहले का है और अब पिछले करीब 14 वर्षों से बंद पड़ा है। यह कुआं एक समय में सिवानी समेत दूर-दराज के इलाके के लोगों की प्यास बुझाता था।