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दिल्ली
घरेलू दूषित पानी से अब निकलेगी समृद्धि की धार
Posted on 28 May, 2017 01:48 PMपंत विवि के वैज्ञानिकों ने तैयार की गंदे पानी से सिंचाई की तकनीक, बढ़ेगा पौधों का बायोमास, 50 फीसदी तक कम होगा पानी में प्रदूषण
वन प्रबंधन से चमकेगी ग्रामीण भारत की सूरत
Posted on 28 May, 2017 01:40 PMवृक्षारोपण का मतलब सिर्फ गड्ढे खोदने से नहीं है। इसके लिये एक
विनाश की कीमत पर विकास
Posted on 28 May, 2017 01:34 PMअंधाधुंध विकास के फेर में इंसानों ने धरती का पर्यावरण गड़बड़ा दिया। आबोहवा खराब कर दी। शुरुआत विकसित देशों ने की। खामियाजा अब सभी भुगत रहे हैं। दिक्कत यह है कि गरीब देश जब यही जरूरी विकास कर रहे हैं तो उन पर शर्तें और संधियाँ थोपी जा रही हैं। आदिकाल से भारत अपने प्रकृति प्रेम के लिये जाना जाता रहा है। चूँकि अब तेज विकास उसकी बड़ी जरूरत है, लिहाजा पर्यावरण को बचाते हुए विकास के मंत्र उसे भी स
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कितना स्वच्छ : स्वच्छ भारत अभियान
Posted on 28 May, 2017 10:13 AM
गौर कीजिए हर घर में शौचालय हो; गाँव-गाँव सफाई हो; सभी को स्वच्छ-सुरक्षित पीने का पानी मिले; हर शहर में ठोस-द्रव अपशिष्ट निपटान की व्यवस्था हो - इन्हीं उद्देश्यों को लेकर दो अक्तूबर, 2014 को स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की गई थी। कहा गया कि जब दो अक्तूबर, 2019 को महात्मा गाँधी जी का 150वां जन्म दिवस मनाया जाये, तब तक स्वच्छ भारत अभियान अपना लक्ष्य हासिल कर ले; राष्ट्रपिता को राष्ट्र की ओर से यही सबसे अच्छी और सच्ची श्रृद्धांजलि होगी। इस लक्ष्य प्राप्ति के लिये 62,009 करोड़ का पंचवर्षीय अनुमानित बजट भी तय किया गया था। अब हम मई, 2017 में हैं। अभियान की शुरुआत हुए ढाई वर्ष यानी आधा समय बीत चुका है। लक्ष्य का आधा हासिल हो जाना चाहिए था। खर्च तो आधे से अधिक का आंकड़ा पार करता दिखाई दे रहा है। कितने करोड़ तो विज्ञापन पर ही खर्च हो गये। इस कोशिश में शौचालय तो बढ़े, लेकिन क्या स्वच्छता बढ़ी?
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आतिशबाजी के खेल से पर्यावरण में प्रदूषण (Pollution in the environment by fireworks)
Posted on 25 May, 2017 04:57 PMदूषित पानी देने वाले हैंडपम्पों को सीज करने का आदेश
Posted on 25 May, 2017 11:15 AMनई दिल्ली (ब्यूरो)। एनजीटी ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) व उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) को सूबे के आठ जिलों में प्रदूषित पानी देने वाले हैंडपम्पों की जाँच कर उन्हें सील का आदेश दिया है। इनमें मुजफ्फरनगर, मेरठ, हापुड़, बुलन्दशहर, अलीगढ़, कासगंज, फर्रुखाबाद और कन्नौज शामिल हैं।
29 मई को महानदी जलाधिकार सम्मेलन
Posted on 25 May, 2017 10:57 AM
लू और कुछ अन्य परिस्थितियों के कारण महानदी जलाधिकार सम्मेलन 29 मई को नहीं होगा। आयोजकों ने जल्द ही नई तिथि तय कर सूचित करने की जानकारी दी है।
तिथि : 29 मई, 2017
समय : प्रातः 10 बजे से दोपहर बाद 03 बजे तक
स्थान : इन्सटीट्युशन आॅफ इंजीनियर्स (रेडक्रास भवन के सामने), सचिवालय मार्ग, भुवनेश्वर, उड़ीसा
आयोजक : महानदी बचाओ, आजीविका बचाओ अभियान
विषय : महानदी एवं अन्य नदी बेसिन में जलाधिकार
एक परिचय महानदी
महानदी यानी महान नदी। महानदी, मध्य-पूर्वी भारत की सबसे खास नदियों में से एक है। महानदी, कई पहाड़ी और मैदानी प्रवाहों से मिलकर बनी उत्तर प्रवाहिणी नदी है। महानदी की यात्रा छत्तीसगढ़ से फरसिया गाँव से शुरू होकर उड़ीसा के रास्ते बंगाल की घाटी में प्रवेश करती है। प्रवेश से पूर्व, ब्राह्मणी नदी के साथ मिलकर विशाल डेल्टा बनाती है। महानदी का यात्रामार्ग 858 किलोमीटर लंबा है। इस बीच महानदी, कई नदियों और कटक, संबलपुर जैसे प्राचीन व्यापारिक नगरों से संगम करती चलती है।
एक समय तक महानदी, अपने मूल स्रोत से करीब 190 किलोमीटर तक पारम्परिक नौवाहन के लिये विख्यात थी। हीराकुण्ड बाँध के निर्माण ने यह सुविधा समाप्त की। हीराकुण्ड बाँध निर्माण से पहले महानदी भारतीय उपमहाद्वीप में सबसे अधिक गाद लेकर चलने वाली नदियों में से एक थी।
![Mahanadi](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/Mahanadi_0_10.jpg?itok=aWZxFZiV)