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कोयला पर निर्भरता से बढ़ा है जलसंकट
Posted on 02 Jul, 2016 11:05 AM

2016 में जारी जल-संकट ने भारत को मौका दिया है जब वो कोयला आधारित ऊर्जा पर अपनी निर्भरता क

घोषणाओं का नहीं समीक्षा का वक्त
Posted on 02 Jul, 2016 10:09 AM
फरक्का में मौजूद 2100 मेगावाट का एनटीपीसी का प्लांट फरवरी से
पानी के अप्रत्यक्ष निर्यात पर लगे लगाम
Posted on 27 Jun, 2016 04:47 PM
पानी के अप्रत्यक्ष निर्यात के साथ बोतलबन्द शीतल पेय बनाने वा
कृषि को समेटता जलवायु परिवर्तन
Posted on 27 Jun, 2016 12:41 PM
औद्योगिकरण एवं वर्तमान में जीवाश्म ईंधनों का अधिकाधिक उपयोग स
सूखे का असर : अपराधियों के हवाले बुन्देलखण्ड
Posted on 27 Jun, 2016 11:38 AM
पिछले साल जनवरी से अक्टूबर 2015 के बीच दस माह में 729 चोरिया
ये तो गंगा के व्यापारी निकले
Posted on 26 Jun, 2016 12:48 PM


उन्होंने कहा- “मैं आया नहीं हूँ, माँ गंगा ने बुलाया है।’’ लोगों ने समझा कि वह गंगा की सेवा करेंगे। बनारसी बाबू लोगों ने उन्हें बनारस का घाट दे दिया; शेष ने देश का राज-पाट दे दिया। उन्होंने ‘नमामि गंगे’ कहा; जल मंत्रालय के साथ ‘गंगा पुनर्जीवन’ शब्द जोड़ा; एक गेरुआ वस्त्र धारिणी को गंगा की मंत्री बनाया। पाँच साल के लिये 20 हजार करोड़ रुपए का बजट तय किया। अनिवासी भारतीयों से आह्वान किया। नमामि गंगे कोष बनाया। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की स्थापना की।

राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण का पुनर्गठन किया। बनारस के अस्सी घाट पर उन्होंने स्वयं श्रमदान किया। गंगा ने समझा कि यह उसके प्रति भारतीय संस्कृति की पोषक पार्टी के प्रतिनिधि और देश के प्रधानमंत्री की आस्था है।

खुलने लगा है गंगा का बाजार
Posted on 26 Jun, 2016 12:16 PM


डाक द्वारा गंगाजल आपके द्वार पर भेजने की ‘सुविधा’ सरकार शुरू करने जा रही है और इस सुविधा की आड़ में गंगा को बेचने की पहली कोशिश को साकार किया जा रहा है। साधु सन्तों ने इस सरकारी कोशिश के खिलाफ बिगुल बजा दिया है जिससे ये भ्रम पैदा होता है कि गंगा को अर्थ स्वरूप में बदले जाने की सबसे ज्यादा चिन्ता इन्हें ही है।

बहरहाल जो डाक घर चिट्ठी ठीक से नहीं पहुँचा सकते वे आपके घर गंगाजल पहुँचाएँगे इसमें सन्देह है। एक काँच की बोतल जो विशेष तौर पर डाक विभाग गंगाजल के लिये डिजाइन करवाएगा (प्लास्टिक की बोतल या पानी का पाउच जैसी पैकिंग से पर्यावरणविदों को एकदम नया कष्ट होगा।) इस बोतल के खर्चे के अलावा गंगाजल स्टोरेज का खर्चा आदि मिलाकर 251 रुपए से कम में गंगाजल आपके घर तक नहीं पहुँचेगा।

दलहन वर्ष में थाली से गायब दाल
Posted on 26 Jun, 2016 12:11 PM
दक्षिण भारत में दलहन की खेती कम पानी में और बंजर-असिंचित भूम
नगरीय व राजमार्गों के लिये उपयोगी वृक्ष (Importance of Trees on Roadside)
Posted on 25 Jun, 2016 10:44 AM
मार्गों पर वृक्ष लगाने की परम्परा भारत में प्राचीन काल से ही चली आ रही है। भारतीय जन-मानस ने वनों व वृक्षों का महत्व हजारों वर्ष पूर्व ही समझ लिया था। सम्पूर्ण विश्व में आज वृक्षों और वनों के संरक्षण की बात हो रही है परंतु हम भारतीय तो प्राचीन काल से ही इनके महत्व को समझते थे। वृक्षों के महत्व को प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से सामान्य जन को समझाने के लिये या
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