Posted on 19 Mar, 2010 02:35 PM सावन पहिले पाख में, दसमी रोहिणि होइ। महँग नाज अरु अल्प जल, बिरला विलसे कोई।।
भावार्थ- सावन के प्रथम पक्ष यानी कृष्ण पक्ष की दशमी को यदि रोहिणी नक्षत्र हो तो समझ लेना चाहिए कि अन्न महँगा होगा और वर्षा कम होगी जिसके कारण शायद ही कोई सुखी होगा।
Posted on 19 Mar, 2010 12:49 PM सिंह गरजै, हथिया लरजै।
शब्दार्थ- लरजै-काँपना।
भावार्थ- यदि सिंह राशि के सूर्य में (मघा नक्षत्र में) आकाश में बादल गरजें तो हस्त नक्षत्र में बरसने वाले बादलों को भी कँपकपी आती है, अर्थात् इस नक्षत्र में वर्षा कम होती है।