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स्वच्छ जल मनुष्य का मौलिक अधिकार: संयुक्त राष्ट्र
Posted on 16 Oct, 2010 08:14 AM
नई दिल्ली. 29 जुलाई 2010। संयुक्त राष्ट्र ने प्रस्ताव पारित कर स्वच्छ जल और सफाई को मनुष्यों का मौलिक अधिकार घोषित किया है. संयुक्त राष्ट्र की महासभा में बोलिविया ने इस आशय में प्रस्ताव रखा था. इस प्रस्ताव के पक्ष में 126 देशों ने मतदान किया वहीं 46 देशों के प्रतिनिधि मतदान के दौरान गैर-हाज़िर रहे जिनमें अमरीका, कनाडा, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे विकसित देश प्रमुख हैं. वहीं किसी भी सदस्य देश द्वारा इसका विरोध नहीं किए जाने से ये प्रस्ताव पारित कर दिया गया. हालांकि इस प्रस्ताव को लागू करना किसी भी राष्ट्र के लिए बाध्यता नहीं है.

बोलिविया ने इस प्रस्ताव में कहा है कि सुरक्षित और स्वच्छ पेय जल और सफाई मौलिक अधिकार है जो जीवन के अधिकार का उपयोग करने के लिए अनिवार्य है. प्रस्ताव के मसौदे में यह भी बताया गया कि विश्वभर में 88 करोड़ 40 लाख लोगों को पीने के लिए साफ़ पानी नहीं मिलता और करीब 2.6
बीमारी भगाए धुले हाथ
Posted on 16 Oct, 2010 08:00 AM

15 अक्तूबर, वर्ल्ड हैंड वाशिंग डे पर विशेष


हाथों को बार-बार साबुन से धोना स्वाइन फ्लू समेत कई बीमारियों से बचने का अचूक तरीका है।

दुनियाभर में साफ-सफाई की अहमियत बताने और लोगों को इसके प्रति जागरुक करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 15 अक्तूबर, 2008 से ग्लोबल हैंडवाशिंग डे की शुरूआत की थी। सफाई में हाथ साफ रखने की महत्ता को प्रतिपादित करते हुए ही दो साल पहले इस दिवस की शुरूआत की गई।

बीमारियों से बचने के लिए भले ही कितने भी प्रयास हों, अपने शरीर और हाथों की साफ-सफाई सभी प्रयासों से बढ़कर है।

फिजिशियन डॉ. अनिल मलिक का मानना है कि मौसमी बीमारियों से बचने के लिए नियमित तौर पर हाथ धोने

ईको फ्रैंडली टूरिज्म: क्यों ना बनें एक जिम्मेदार सैलानी
Posted on 15 Oct, 2010 08:24 AM
ईको फ्रैंडली टूरिज्म आज नई अवधारणा नहीं है, बल्कि वर्तमान परिस्थितियों ने इसे पर्यटन का एक अनिवार्य अंग बना दिया है। सामान्य शब्दों में कहें तो ईको फ्रैंडली टूरिज्म का अर्थ है, किसी भी स्थल की यात्रा और सैर-सपाटे के दौरान अपने क्रियाकलापों से उस स्थान विशेष के पर्यावरण और पारिस्थितिकी को किसी भी प्रकार की क्षति न पहुंचाना। सच्चाई तो यह है कि यह बात हम सबकी सिविक सेंस से भी जुड़ी है।
पर्यावरण से संबंधित फैसलों में हितों का टकराव
Posted on 12 Oct, 2010 03:32 PM
भारत का समाजवादी लोकतंत्र प्रतिनिधित्व की राजनीति में अच्छी तरह रचा-बसा है। यहां विशेषज्ञों की सभा और समिति के बारे में आमतौर पर यह माना जाता है कि वे स्थितियों को बेहतर ढंग से समझते हैं। बनिस्बत उनके, जो ऐतिहासिक तौर पर सत्ता प्रतिष्ठान में निर्णायक भूमिका रखते हैं। यह सब एक प्रक्रिया के तहत होता है। इसमें प्राथमिकताएं सुनिश्चित होती हैं, योजनाओं का मूल्यांकन किया जाता है और विकास के रास्ते
खतरे की घंटी रेगिस्तान का विस्तार
Posted on 04 Oct, 2010 08:24 AM इधर प्राकृतिक आपदाओं की संख्या और तीव्रता में बढ़ोतरी हुई है। मौसमी परिवर्तन का एक और बड़ा संकेतक, जिस पर हम पर्याप्त ध्यान नहीं दे रहे हैं, बहुत तेजी से उभार पर है। वह है रेगिस्तानी इलाकों का विस्तार। दुनिया के लगभग सारे रेगिस्तानी क्षेत्र में विस्तार हो रहा है, लेकिन थार रेगिस्तान का विस्तार कुछ अधिक तेज गति से हो रहा है। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन यानी इसरो की हालिया रिसर्च बताती है कि था
नष्ट हो जाएंगे 80 फीसदी वर्षा वन
Posted on 01 Oct, 2010 10:04 AM जलवायु परिवर्तन के कारण सन् 2100 तक वर्षा वन तथा उसमें रहने वाले जानवरों का 80 फीसदी हिस्सा नष्ट हो जाएगा। यह बात एक नए अध्ययन में सामने आई है। वर्तमान में पृथ्वी पर मौजूद वृक्षों और जानवरों का आधा से भी अधिक हिस्सा वर्षा वन में रहता है। अध्ययन में बताया गया कि अकेले अमेजन बेसिन की जैव विविधता में बदलाव को देखा जा सकता है।
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उपग्रह डाटा प्रदूषण से भारत के मौसम में बदलाव
Posted on 01 Oct, 2010 09:58 AM [img_assist|nid=24813|title=|desc=|link=none|align=left|width=280|height=250]इलिनोइस विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिकों ने पिछले 10 सालों के उपग्रह डाटा प्रदूषण का अध्ययन किया और उनके सामने कुछ चौकाने वाले तथ्य आए जिसमें देखा गया कि भारतीय उपमहाद्वीप के मौसम पर इसका गहरा प्रभाव पड़ा है। एयरोसोल प्रदूषण वातावरण में छोट-छोटे कणों को फैला रहा है, जिससे मानव स्वास्थ्य को हानि पहुंच सकती है। व्यक्ति को
जिओपॉलिमर-अब कंक्रीट के जंगल भी बनेंगे इको फ्रेंडली
Posted on 01 Oct, 2010 09:32 AM दुनिया में तेजी से बढ़ रहे कंक्रीट के जंगलों यानी भवन व इमारतों के निर्माण से प्रकृति को खतरा जाना पहचाना है। ये सीमेंट से बने जंगल धीरे धीरे हरियाली को खाते जा रहे हैं। लेकिन अब हरियाली के प्रति समर्पित वैज्ञानिकों ने हरी कंक्रीट ईजाद करने की ठान ली है। जिससे प्रकृति का दोहन भी रुकेगा और मानव की जरूरत भी पूरी होती रहेंगी।
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स्वच्छ जल में रहने वाले कछुओं का जीवन खतरे में
Posted on 28 Sep, 2010 11:27 AM
पर्यावरण में प्रदूषण का कहर केवल हवा और धरती पर ही नहीं बल्कि पानी पर भी पड़ रहा है। प्रदूषण के चलते अब स्वच्छ जल की स्त्रोत नदियां भी गंदी और मैली होती जा रही है जिससे स्वच्छ जल में रहने वाले कछुओं की प्रजाति पर खतरा पैदा हो गया है। स्वच्छ जल में रहने वाले कछुओं के लिए आए दिन नई-नई समस्याएं आ रही हैं, जिसमें उन्हें अपने अस्तित्व की रक्षा कर पाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। य
पर्यावरण और फौज
Posted on 28 Sep, 2010 09:26 AM राजनयिकों के बयानों में दूरगामी महत्व की कोई चीज खोजना अक्सर मृग मरीचिका साबित होता है, लेकिन अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत हुसैन हक्कानी संयोगवश इस बार कुछ ऐसा कह गए हैं, जिसे कूटनीतिक मंचों पर कहने से लोग-बाग कतराते रहे हैं। हक्कानी ने अमेरिकी संसद को संबोधित करते हुए कहा है कि सियाचिन में सैनिकों की मौजूदगी उनके देश में आई विनाशकारी बाढ़ की सबसे बड़ी वजह है। वे वहां बाढ़ राहत राशि बढ़
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