Posted on 16 Jul, 2011 02:37 PMउत्तर मिट्टी परीक्षण में मुख्य पोषक तत्व जानने की फीस रू0 7.00 (साते रूपये) तथा सूक्ष्म पोषक तत्व सहित रूपये 37.00 (सैंतीस रूपये ) का खर्च आता है तथा यदि कोई सीमान्त किसान अपने खेत की मिट्टी का नमूना प्रयोगशाला स्वयं लेकर जाता है तो उसका परीक्षण प्राथमिकता के आधार पर निःशुल्क करते हुए उर्वरक/खाद प्रयोग करने की संस्तुति प्रदान की जाती है।
Posted on 16 Jul, 2011 02:35 PMउत्तर प्रदेश के सभी जनपद मुख्यालयों पर मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित है, जहॉं से जॉंच करायी जा सकती है। फसल बोने के पहले खाली खेत से मिट्टी 6 इंच गहरे (ऊपर से नीचे तक) गडढे से लेकर थैली में भरकर नाम, पता लिखकर मिट्टी परीक्षण केन्द्र पर भेजे। इसके लिए विकास खण्ड पर सम्पर्क करें।
Posted on 16 Jul, 2011 02:33 PMउत्तर किसी भी पोषक तत्व की जानकारी के लिए मिट्टी परीक्षण कराना अति आवश्यक है। पुरानी पत्तियों पर पीले-पीले धब्बे जो बाद में भूरे रंग के हो जाते हैं।
Posted on 16 Jul, 2011 02:31 PMउत्तर जिंक की कमी से पौधों की पत्तियों पर सफेद एवं भूरी धारियॉं दिखायी देती है। इसकी कमी से सभी फसलों का उत्पादन घट जाता है।
Posted on 16 Jul, 2011 02:28 PMउत्तर फसलों को जिन पोषक तत्वों की कम मात्रा (1 पीपीएम) की आवश्यकता होती है उसे सूक्ष्म पोषक तत्व कहते हैं जैसे - जिंक, लोहा, कॉंपर, बोरान एवं मैग्नीज, मालीबिडनम।
Posted on 16 Jul, 2011 02:26 PMउत्तर नाडेप-विधि द्वारा, कम्पोस्ट के गड्ढे तैयार करके तथा वर्मीकम्पोस्ट तैयार कर देशी खाद उत्तम गुणवत्ता की तैयार कर सकते हैं ?