Posted on 16 Jul, 2011 02:45 PMउत्तर हरी खाद बुवाई से डेढ़ माह पूर्व, कम्पोस्ट/वर्मी बुवाई से एक माह पहले खेत में भली भॉंति मिला देना चाहिए। उर्वरकों (नत्रजनधारी, फास्फेटिक एवं पोटाश) का प्रयोग बुवाई के समय इस प्रकार करना चाहिए कि नत्रजनधारी की आधी मात्रा फास्फेट एवं पोटाश की पूरी मात्रा बुवाई के समय खेत में डाले तथा नत्रजन की शेष आधी मात्रा टाप ड्रेसिंग के रूप में खड़ी फसल में डाले। सूक्ष्म पोषक तत्वों वाली उर्वरक का प्
Posted on 16 Jul, 2011 02:41 PMउत्तर कल्चर ही जैव उर्वरक है। यह जीवित सूक्ष्म जीवाणुओं से बना हुआ एक प्रकार का टीका है जैसे राइजोबियम, पी.एस.बी. तथा एजैटोबैक्टर।
Posted on 16 Jul, 2011 02:37 PMउत्तर मिट्टी परीक्षण में मुख्य पोषक तत्व जानने की फीस रू0 7.00 (साते रूपये) तथा सूक्ष्म पोषक तत्व सहित रूपये 37.00 (सैंतीस रूपये ) का खर्च आता है तथा यदि कोई सीमान्त किसान अपने खेत की मिट्टी का नमूना प्रयोगशाला स्वयं लेकर जाता है तो उसका परीक्षण प्राथमिकता के आधार पर निःशुल्क करते हुए उर्वरक/खाद प्रयोग करने की संस्तुति प्रदान की जाती है।
Posted on 16 Jul, 2011 02:35 PMउत्तर प्रदेश के सभी जनपद मुख्यालयों पर मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित है, जहॉं से जॉंच करायी जा सकती है। फसल बोने के पहले खाली खेत से मिट्टी 6 इंच गहरे (ऊपर से नीचे तक) गडढे से लेकर थैली में भरकर नाम, पता लिखकर मिट्टी परीक्षण केन्द्र पर भेजे। इसके लिए विकास खण्ड पर सम्पर्क करें।
Posted on 16 Jul, 2011 02:33 PMउत्तर किसी भी पोषक तत्व की जानकारी के लिए मिट्टी परीक्षण कराना अति आवश्यक है। पुरानी पत्तियों पर पीले-पीले धब्बे जो बाद में भूरे रंग के हो जाते हैं।
Posted on 16 Jul, 2011 02:31 PMउत्तर जिंक की कमी से पौधों की पत्तियों पर सफेद एवं भूरी धारियॉं दिखायी देती है। इसकी कमी से सभी फसलों का उत्पादन घट जाता है।