Posted on 09 Feb, 2014 06:54 PMबिहार के मिथिलांचल की संस्कृति के मौलिक पक्ष को मजबूत करने में माछ यानी मछली, पान और मखाने का खास योगदान है। जायकेदार, पौष्टिक और औषधीय गुणों वाले मखाने की खेती भले ही दुनिया के अलग-अलग इलाकों में होती हो, पर भारत में मिथिलांचल के मखाने की बात ही कुछ और है।
Posted on 06 Feb, 2014 05:02 PMफार्म एन फूड, 1 दिसम्बर 2013। हमारे यहां सिंचाई के साधनों में पंपिग सेट का अहम रोल है। ये 2 तरह के होते है,एक बिजली से चलने वाले और दूसरे डीजल से चलने वाले डीजल से चलने वाले पंपिग सेट में एक डीजल इंजन सेंटीफ्यूगल पंप होता है, जो कपलिंग या पट्टे से चलता है। कपलिंग सिस्टम में डीजल इंजन के साथ ही पंप भी जुडा़ होता है और पंप को पट्टे से जोड़ कर चलाया जाता है। पम्पिंग सेट में इंजन पंप को चला कर जमीन के
Posted on 06 Feb, 2014 01:27 PMफार्म एन फ़ूड, 16 नवंबर 2012। जलकुंभी एक ऐसी खरपतवार है जो कई सालों तक तालाब में रहने की कूबत रखती है। भारत के सभी राज्यों के निचले इलाको में जहां पानी जमा होता है,या गंदे तालाब है,वहाँ जलकुम्भी ज्यादा मिलती है। बारिश के वक्त यह तेजी से बढती है। पानी के निकास वाली जगहों जैसे नालों व तालाबों में जलकुम्भी उग जाने से पानी निकलने में परेशानी आती है।यह एक खरपतवार है लेकिन इसके पौधे से हमे फसल के लिए जर
Posted on 04 Feb, 2014 10:50 PM19 जनवरी 2014, रींवा। प्रशासनिक अफसरों तथाकथित जनप्रतिनिधियों और भूमाफिया की सांठ-गांठ प्राकृतिक जलश्रोतों के लिए संकट बन गई है। अपने ही नियम कानून को धता बताकर जहां अफसरों ने खामेाशी ओढ़ ली है तो उनके इशारे पर भूमाफिया तालाबों को कब्जाकर सोसायटी विकसित कर रहे है। रीवां जिले में इस कारनामें को बड़ी तेजी से अंजाम दिया गया है। आंकडे बताते हैं कि रियासत के स
Posted on 03 Feb, 2014 10:17 PMवाराणसी / दुनिया भर में पेप्सी ओर कोक जैसे कोल्ड ड्रिंक का इस्तेमाल पीने के लिए हो रहा है,लेकिन बनारस के किसान इसका प्रयोग कीटनाशक के रूप में भी कर रहे है। सब्जियां और फुल इसकी फुहारों से लहलहा रहे है।
Posted on 03 Feb, 2014 01:22 PMपर्यावरण शब्द का निर्माण परि और आवरण शब्दों को मिलाकर हुआ है। पर्यावरण का तात्पर्य है आस-पास का परिवेश और वातावरण। पर्यावरण में प्रकृति के विभिन्न अंगोपांग सम्मिलित है। इसमें वायु धरा, आकाश समुद्र,पर्वत, वन-उपवन, खेत-बाग-वाटिका, वृक्ष-लता-पुष्प-पल्लव, जीवन-जन्तु आदि का समावेश है। चिरकाल तक प्राकृतिक सम्पदा की सुरक्षा और जीवन जन्तुओं के संरक्षण के कारण पर्यावरण विशुद्ध एवं सतुलित रहा है। किन्तु ज्य
Posted on 02 Feb, 2014 06:59 PMफ्लोराइड नॉलेज एंड एक्शन नेटवर्कफ्लोराइड की अधिक मात्रा वाला पानी पीने से या अधिक फ्लोराइड वाले जल से सिंचित खाद्यान्न खाने से फ्लोरोसिस होता है. भारत में पेयजल में इसकी सुरक्षित मात्रा है 1एमजी/प्रति लीटर. फ्लोरोसिस की प्रमुख किस्में हैं- डेंटल फ्लोरोसिस और स्केलेटल फ्लोरोसिस.
Posted on 31 Jan, 2014 10:26 PMवेटलैंड्स या नमभूमि - जैसाकि नाम से ही सर्वविदित होता है यह भूमि के बीचो बीच स्थित अथाह जलराशि वाला क्षेत्र होता है। यह यह जानना आवश्यक है कि वेटलैंड्स भी कई प्रकार के होते है। मसलन कुछ वेटलैंड्स तो आकार में कई किलोमीटर लम्बे एवं चैड़े होते है वहीं दूसरी ओर कुछ मात्र छोटे-छोटे तालाबों, सरोवरों एवं झीलों के रूप में पाये जाते है। गौरतलब बात है कि आकार में बड़े एवं विस्तृत वेटलैंड्स सालों भर सदानीरा
Posted on 31 Jan, 2014 04:57 PM01 फरवरी 2014/ जहां चाह वहां राह की कहावत चरितार्थ होते दिख रही है। बुन्देलखण्ड के सूखाधारी क्षेत्र महोबा जिले के गांवों में । जिले के कबरई विकासखण्ड में बरबई गांव के किसान बदलू विश्वकर्मा के पास खेती के नाम पर साढ़ॆ तीन एकड़ जमीन है। जिसमें मेहनत-मशक्कत के बावजूद भी मिलने वाली फसल इतनी भी नहीं होती थी, कि परिवार के खर्चे चल सकें। बदलू कभी हार नहीं माना, वह घाटे-मुनाफे को अनदेखा कर खेती करता रहा ।