भारत

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मौत बाँटता आर्सेनिक
Posted on 27 Sep, 2016 03:40 PM
उत्तर प्रदेश के बलिया समेत कई जिलों में आर्सेनिक का प्रकोप कोई घटना नहीं है, लेकिन अब हालात बदतर होते जा रहे हैं और स्वास्थ्य सेवाओं की ओर प्रशासन का जरा भी ध्यान नहीं है। अठारह वर्ष के देव कुमार चौबे पिछले पाँच साल से हर रोज किसी-न-किसी डॉक्टर के पास जा रहे हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के हरिहरपुर गाँव के रहने वाले देव कुमार के पूरे बदन पर
स्वच्छ जल बचाए संक्रमण से
Posted on 27 Sep, 2016 02:59 PM
बरसात का मौसम वह समय है, जब दूषित पानी और मच्छरों का संक्रमण बढ़ जाता है। मलेरिया से लेकर पेचिस, हैजा और दस्त जैसी बीमारियाँ अपना पैर पसारने लगती हैं।
सिंधु जल-संधि पर सोचे भारत
Posted on 24 Sep, 2016 03:47 PM
आजादी के बाद से ही पाकिस्तान लगातार भारत के खिलाफ लड़ाईयाँ लड़ता रहा है। शुरू में उसने सीधा हमला करके भारत को परास्त करने की कोशिश की। पर होता रहा उल्टा; जब भी उसने हमला किया, मुँह की खाता रहा।

धीरे-धीरे पाकिस्तान समझ गया कि सीधी लड़ाई में भारत से वह जीत नहीं सकता। इसलिये करीब 30-40 सालों से पाकिस्तान ‘प्रॉक्सीवार’ यानी छद्मयुद्ध लड़ रहा है। हथियार, पैसा, ट्रेनिंग देकर भारत के खिलाफ आतंकवादियों का इस्तेमाल कर रहा है। हमेशा दुनिया की नजर में पाकिस्तान सरकार अपने को पाक-साफ दिखाना चाहती है और आतंकवादियों को ‘नॉन स्टेट प्लेयर’ के रूप में घोषित करती रहती है।
ਜੀਨ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਫਸਲਾਂ: ਅਸੁਰੱਖਿਅਤ, ਅਣਚਾਹੀਆਂ ਅਤੇ ਅਣਲੋੜੀਂਦੀਆਂ
Posted on 20 Sep, 2016 05:46 PM

ਸਮੁੱਚੇ ਖੇਤੀ ਇਤਿਹਾਸ ਵਿੱਚ ਕਿਸੇ ਤਕਨੀਕ ਨੂੰ ਲੈ ਕੇ ਇੰਨਾ ਵਿਵਾਦ ਜਾਂ ਮੁਖਰ ਵਿਰੋਧ ਨਹੀਂ ਹੋਇਆ ਜਿੰਨਾ ਕਿ ਜੈਨੇਟੀਕਲੀ ਮੋਡੀਫਾਈਡ/ਜੀਨ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਫਸਲਾਂ ਦਾ ਹੋਇਆ ਹੈ। ਇਹ ਫਸਲਾਂ ਅਨੁਵੰਸ਼ਿਕ ਇੰਜ਼ਨੀਅਰਿੰਗ ਦੁਆਰਾ ਤਿਆਰ ਕੀਤੀਆਂ ਗਈਆਂ ਹਨ। ਇਹਦੇ ਤਹਿਤ ਇੱਕ ਜੀਵ ਦੇ ਗੁਣਸੂਤਰ ਕਿਸੇ ਦੂਸਰੇ ਜੀਵ ਅੰਦਰ ਪਾ ਦਿੱਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਪਰੰਤੂ ਇੰਨਾਂ ਕਹਿਣਾ ਹੀ ਕਾਫੀ ਨਹੀਂ ਹੈ। ਇਸ ਤਕਨੀਕ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਕੇ ਦੋ ਅਲਗ ਪ੍ਰਜਾਤੀਆਂ ਦੇ ਜੀਵਾਂ ਤੋਂ ਨਵੀਂ ਉਤਪਤੀ ਦੇ ਗ਼ੈਰ ਕੁਦਰਤੀ ਵਰਤਾਰੇ ਦੀ ਨੀਂਹ

ਜੈਵਿਕ ਖੁਰਾਕ: ਖੇਤ ਤੋਂ ਸਿੱਧੀ ਥਾਲੀ ਤੱਕ
Posted on 14 Sep, 2016 04:17 PM

ਇਸ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਕਿ ਮੈਂ ਜੈਵਿਕ ਖੁਰਾਕ ਬਾਰੇ ਆਪਣੇ ਵਿਚਾਰ ਰੱਖਾਂ ਆਪਜੀ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਬਾਰੇ ਕੁੱਝ ਦੱਸਣਾ ਉੱਚਿਤ ਸਮਝਦਾ ਹਾਂ। ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਕਰਨ ਨਾਲ ਆਪਜੀ ਨੂੰ ਇਸ ਵਿਸ਼ੇ ਦਾ ਸੰਦਰਭ ਸਮਝਣ ਵਿੱਚ ਆਸਾਨੀ ਹੋਵੇਗੀ। ਮਿੱਤਰੋ, ਮੈਂ 1964 'ਚ ਖੇਤੀ ਵਨਸਪਤੀ ਸ਼ਾਸ਼ਤਰ ਵਿੱਚ ਸਨਾਤਕੋਚਰ ਅਰਥਾਤ ਐੱਮ. ਐਸ. ਸੀ.

अंधाधुन जल दोहन
कावेरी विवाद - मेरा पानी तेरा पानी
Posted on 13 Sep, 2016 05:02 PM


कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच कावेरी नदी के पानी के बँटबारे का मामला लगभग 124 साल पुराना मामला है। इस विवाद को मानसून की बेरुखी हवा देती है। सन 1995 और सन 2002 में मानसून ने धोखा दिया। मानसून की बेरुखी हालात खराब किये। सन 2003 से 2006 तक के सालों में तामिलनाडु और कर्नाटक में मानसून की बरसात सामान्य हुई। पानी का बँटवारा, मुद्दा नहीं बना।

भूकम्प से कैसे निपटें (How to deal with Earthquake in Hindi)
Posted on 22 Aug, 2016 02:50 AM

भूकम्प का पूर्वानुमान सम्भव नहीं


भूकम्प एक ऐसी प्रक्रिया है जिसका पूर्वानुमान सम्भव नहीं है। विज्ञान की तमाम आधुनिक सुविधाओं के बावजूद भूकम्प आने के समय, भूकम्प के असर का दायरा और तीव्रता बताना मुश्किल है।

बीबीसी को दिये गये अपने एक बयान में प्रो. चंदन घोष बताते हैं कि जब कोई भूकम्प आता है तो दो तरह के वेव निकलते हैं। एक को प्राइमरी वेव कहते हैं और दूसरे को सेकेन्ड्री वेव कहते हैं।

प्राइमरी वेव की गति औसतन 6 कि.मी. प्रति सेकेन्ड की होती है जबकि सेकेन्ड्री वेव औसतन 4 कि.मी. प्रति सेकेन्ड की रफ्तार से चलती है। इस अन्तर के चलते हरेक 100 कि.मी. पर 8 सेकेन्ड का अन्तर हो जाता है। यानि भूकम्प केन्द्र से 100 कि.मी. दूरी पर 8 सेकेन्ड पहले पता चल सकता है कि भूकम्प आने वाले है।
जलाशयों की गाद हटाने में बाढ़ का उपयोग
Posted on 26 Jul, 2016 12:19 PM
बाँधों के विशाल जलाशयों की गाद को कुदरती तरीके से निकाला जा सकता है। यह चमत्कार भी नहीं है। यह सुनकर या पढ़कर भले ही अटपटा लगे पर यह सम्भव है। चीन ने इसे बिना मानवीय श्रम या धन खर्च किये, कर दिखाया है। यह किसी भी देश में हो सकता है। भारत में भी ऐसा हो सकता है।
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