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ग्रामीण भारत को जोड़ता डिजिटल इण्डिया
Posted on 05 Oct, 2018 02:44 PM

ग्रामीण भारत के विकास हेतु विभिन्न योजनाओं के माध्यम से समुचित प्रयास किये जा रहे हैं और उनके सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहे हैं किन्तु सभी योजनाओं की सार्थकता उनके सफल क्रियान्वयन में निहित हैं और इसके लिये डिजिटल इण्डिया को ग्रामीण भारत तक पहुँचाना न केवल आवश्यक अपितु अपरिहार्य है। वर्ष 2018-19 में भारत सरकार द्वारा डिजिटल इण्डिया कार्यक्रम को 3073

Digital India
ग्रामीण शहरी दूरियों को पाटता रुर्बन मिशन
Posted on 05 Oct, 2018 02:02 PM
रुर्बन मिशन शहर की सुविधा एवं गाँव की आत्मा के विचार पर आधारित है, अर्थात नगरों में जो आर्थिक, संरचनात्मक, तकनीकी सुविधाएँ हैं उनका लाभ लेते हुए गाँव में सामुदायिकता की भावना बनी रहे। इस मिशन के अन्तर्गत राज्यों में विकास की सम्भावनाओं वाले विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में अगले पाँच वर्षों में तीन सौ ऐसे रुर्बन क्लस्टरों का विकास किया जाएगा। इस लेख में रुर्बन मिशन के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करत
रुर्बन मिशन
गेहूँ में जिंक घनत्व निर्धारित करने वाले जीनोमिक क्षेत्रों का पता चला
Posted on 04 Oct, 2018 04:37 PM
नई दिल्ली।पोषण सुरक्षा में सुधार और खाद्यान्नों में पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ाने के लिये फसलों का जीनोमिक अध्ययन करने में वैज्ञानिक लगातार जुटे हुए हैं। वैज्ञानिकों की एक अन्तरराष्ट्रीय टीम ने अब गेहूँ में जिंक की सघन मात्रा के लिये जिम्मेदार महत्त्वपूर्ण जीनोमिक क्षेत्रों का पता लगाया है जो अधिक जिंक युक्त गेहूँ की पोषक किस्में विकसित करने में मददगार हो सकते हैं।
रिसर्च टीम
कश्मीर, हिमाचल में बाढ़ का जिम्मेवार कौन
Posted on 04 Oct, 2018 03:11 PM जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ता बाढ़ का खतरा (फोटो साभार - राज एक्सप्रेस)केरल, पूर्वोत्तर के बाद बाढ़ ने जम्मू-कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश में तबाही मचाई।
जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ता बाढ़ का खतरा
सम्भावनाओं से भरपूर पूर्वोत्तर भारत
Posted on 04 Oct, 2018 02:51 PM

पूर्वोत्तर क्षेत्र के भौतिक संसाधनों का उपयोग यहाँ के लोगों के कल्याण के लिये करना है तो अनुकूल वातावरण प्रदान करना पहली शर्त है। इस पर प्राथमिकता के आधार पर ध्यान देना होगा। सतत विकास के लिये हमें विकास तथा बदलाव के अगले दौर की ओर बढ़ना होगा। प्रधानमंत्री ने भी देश से इसका आह्वान करते हुए कहा है कि धीरे-धीरे बदलाव का समय खत्म हो गया है और अब हमें निर

Northeastern India
सतत कृषि विकास की ओर
Posted on 04 Oct, 2018 01:02 PM
वर्तमान सरकार द्वारा अपने गत चार वर्षों के कार्यकाल में कृषि क्षेत्र को उच्च प्राथमिकता दी गई है। कृषि एवं ग्रामीण विकास से जुड़ी तमाम नई योजनाएँ भी इसी क्रम में अस्तित्व में आई हैं। इन योजनाओं के सफल कार्यान्वयन के सकारात्मक नतीजे भी अब सामने आने लगे हैं और आज देश खाद्यान्न, दूध, फल, सब्जी, मछली, मुर्गीपालन तथा पशुपालन के क्षेत्र में न सिर्फ आत्मनिर्भरता के स्तर से आगे बढ़ चुका है बल्कि विवि
मृदा संरक्षण समय की मांग
सतत विकास ग्रामीण विकास का माध्यम मनरेगा
Posted on 02 Oct, 2018 02:50 PM
मनरेगा एक ऐसा कार्यक्रम है जिससे ग्रामीण क्षेत्रों का सतत विकास हुआ है और आम आदमी पर बहुत ही अच्छा प्रभाव पड़ा है। श्रमिकों को सौ दिन तक का रोजगार उपलब्ध हुआ है तथा शहरी पलायन पर भी रोक लगी है। मनरेगा ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिये महत्त्वपूर्ण काम किया है। इसने परेशानी के समय ग्रामीणों एवं श्रमिकों को बड़ी राहत पहुँचाई है और यह स्वतः ही रोजगार पैदा करने का जरिया बन गया है। वास्तव में मनरेगा
मनरेगा
जल का भूमंडलीय वितरण
Posted on 02 Oct, 2018 01:48 PM

पृथ्वी की सतह का तीन चौथाई से ज्यादा भाग पानी से ढका हुआ है। जल गंधरहित, स्वादरहित ऐसा पदार्थ जो प्राकृतिक रूप से गैस, द्रव और ठोस अवस्था में वायु, तापमान एवं दाब की सापेक्षिक संकीर्ण परास के अंदर पृथ्वी की सतह पर पाया जाता है। यह सभी जीवधारियों के लिये अत्यंत आवश्यक होता है। यद्यपि पानी पर्याप्त मात्रा में स्पष्ट तौर से उपलब्ध है फिर भी विश्व के एक बहुत बड़े भाग में प्रयोग में लाने योग्य जल की

पृथ्वी पर जल का वितरण
सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह तक
Posted on 02 Oct, 2018 01:39 PM

स्वच्छ भारत (फोटो साभार - इण्डियन एक्सप्रेस)देश प्रतीकात्मक रूप से स्वच्छता के धागे में पिरोया हुआ है, जहाँ हर कोई राष्ट्र के निर्माण में अपनी सेवाएँ दे रहा है। यह महात्मा के लिये सबसे अधिक सन्तोषप्रद होगा।

स्वच्छ भारत
पर्यावरणीय नैतिकता और गाँधीवादी दृष्टिकोण
Posted on 02 Oct, 2018 01:26 PM
आप पर्यावरण और पर्यावरण संबंधी मुद्दों की बुनियादी अवधारणाओं के बारे में जान चुके हैं। आपने प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण एवं प्रबंधन की आवश्यकताओं के बारे में भी जानते हैं। पृथ्वी एक है लेकिन विश्व नहीं। हमारे जीवन को बनाए रखने के लिये एक जैवमंडल पर हम सबको निर्भर रहना होता है। अभी तक प्रत्येक समुदाय एवं प्रत्येक देश अपनी उत्तरजीविता के लिये अन्य लोगों पर न
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