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वेबसाइट के शैक्षिक हिस्से के लिए सुझाव
Posted on 30 Sep, 2008 09:17 AM “यह कितना विचित्र है कि लोग यह नहीं समझते कि महत्व का हर पर्यवेक्षण, किसी विचार के पक्ष या विपक्ष में होता है।”
चार्ल्स डार्विन, 1861
पानी या जैव विविधता की वेबसाइटों के शैक्षिक खंड में छात्रों के लिए कुछ दिलचस्प परिकल्पनाओं को ख़ास तौर पर शामिल किया जाना चाहिए। दरअसल पर्यावरण के बारे में जागरुकता दुनिया के सीधे संपर्क में रह कर प्रकृति को समझने से आ सकती है।
बारिश का कितना जल वापस धरती में जाना चाहिए
Posted on 26 Sep, 2008 06:06 PM

दीप जोशी
धरती से जल के दोहन के बदले कितना जल वापस धरती में जाना चाहिए? इस संबंध में दुनिया भर के वैज्ञानिकों में आम राय यह है कि साल भर में होने वाली कुल बारिश का कम से कम 31 प्रतिशत पानी धरती के भीतर रिचार्ज के लिए जाना चाहिए, तभी बिना हिमनद वाली नदियों और जल स्रोतों से लगातार पानी मिल सकेगा।

सौर ऊर्जा से करें पानी साफ
Posted on 26 Sep, 2008 04:37 PM हेमबर्ग (जर्मनी), (आईएएनएस)
वैसे भी जल चक्र पूरी तरह से सूरज के भूमिका पर ही निर्भर होता है। जर्मनी के वैज्ञानिकों ने एक ऐसे जल प्रशोधन संयंत्र का निर्माण किया है जिसे सौर ऊर्जा की सहायता से संचालित किया जाएगा। इस संयंत्र के तैयार होने से सूखा प्रभावित इलाको में उम्मीद की एक नई किरण जागी है।
केन्द्रीय जल आयोग
Posted on 23 Sep, 2008 07:11 PM

केन्द्रीय जल आयोग देश के भीतर जल संसाधन के क्षेत्र में एक मुख्य तकनीकी संगठन है और यह बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई, नौसंचालन, पेयजल आपूर्ति तथा जल विद्युत विकास के लिए सम्बन्धित राज्य सरकारों के परामर्श से पूरे देश में जल संसाधनों के नियंत्रण, संरक्षण और उनके उपयोग के लिए योजनाएं शुरू करने, समन्वय करने तथा उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सामान्य रूप से जिम्मेदार है।

केंद्रीय जल आयोग
जल संसाधन मंत्रालय
Posted on 23 Sep, 2008 06:57 PM

सिंचाई और विद्युत’ विषय का इतिहास बहुत पहले 1855 से शुरू होता है जब इस विषय का दायित्व उन दिनों नवनिर्मित लोक निर्माण विभाग को सौंपा गया था लेकिन 1858 में गंभीर अकाल पड़ने पर सिंचाई और तत्सम्बन्धी नीति में तेजी आई थी। तब एक बड़े पैमाने पर नहर निर्माण का काम हाथ में लेने का निर्णय लिया गया तथा त्वरित विशाल निर्माण कार्य पर निगाह रखने के लिए नहर महानिरीक्षक की नियुक्ति की गई। देश के भीतर सिंचाई स

मुसीबत नहीं, मुनाफे की बाढ़
Posted on 23 Sep, 2008 05:21 PM

वीरेंद्र वर्मा / नई दिल्ली : यमुना की बाढ़ दिल्ली के लिए मुसीबत बनने की बजाय मुनाफे का सौदा साबित हो सकती है। गुजरात और कुछ लैटिन अमेरिकी देशों का सबक दिल्ली के लिए फायदेमंद हो सकता है। दिल्ली के चारों ओर एक नहर बनाकर बाढ़ के पानी को रीचार्ज किया जाए तो राजधानी की धरती पानी से मालामाल हो जाएगी। दो-तीन साल में ही दिल्ली का गिरता भूजल स्तर सामान्य स्थिति पर पहुंच जाएगा, इससे जमीन के पानी का खाराप

भूमि एवं मृदा
Posted on 23 Sep, 2008 12:31 PM

भूमि क्या है ?

soil
टाइल लाइन डालने की पद्धतियॉ
Posted on 23 Sep, 2008 12:12 PM टाइल लाइन डालने की विभिन्न पद्धतियॉ है। किसी भी पद्धति को अपनाने से पूर्व क्षेत्र की जल निकास समस्या, स्थाई निर्गम तथा भूमि के ढाल का ज्ञान होना आवश्यक है। आवश्यकतानुसार निम्नलिखित पद्धतियों में सें कोई भी अपनाई जा सकती है।
रुफटोप वर्षा जल संचयन : कैसे करें
Posted on 23 Sep, 2008 11:33 AM

छत पर प्राप्त वर्षा जल का भूमि जलाशयों में पुनर्भरण निम्नलिखित संरचनाओं द्वारा किया जा सकता है।

1. बंद / बेकार पड़े कुंए द्वारा
2. बंद पड़े/चालू नलकूप (हैंड पम्प) द्वारा
3. पुनर्भरण पिट (गङ्ढा) द्वारा
4. पुनर्भरण खाई द्वारा
5. गुरुत्वीय शीर्ष पुनर्भरण कुँए द्वारा
6. पुनर्भरण शिफ्ट द्वारा

गुरुत्वीय शीर्ष पुनर्भरण कुँए द्वारा

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