भारत

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तटिनी के प्रति
Posted on 19 Jul, 2013 11:37 AM अरी ओ तटिनी, अस्थिर प्राण
कहाँ तू करती है प्रस्थान?
कंठ में है अविरल कल-कल
अमल जल आँखों में छल-छल
नहीं चल-चल में पल भी कल
चपल-पल-पल चंचल-अंचल
रुदन है या यह तेरा गान?

चरण में तन में कुछ कंपन
निरंतर नुपूर का निक्वण
नयन में व्याकुल-सी चितवन
भ्रमरियों का यह आवर्तन
विवर्तन परिवर्तन, नर्तन
कभी मुख पर नव अवगुंठन
आमंत्रण
Posted on 19 Jul, 2013 11:31 AM दृग के प्रतिरूप सरोज हमारे उन्हें जग ज्योति जगाती जहाँ,
जल बीच कलंव-करंवित कूल से दूर छटा छहराती जहाँ,
घन अंजन वर्ण खड़े तृण जाल की झाईं पड़ी दरसाती जहाँ,
बिखरे बक के निखरे सित पंख बिलोक बकी बिक जाती जहाँ,
द्रुम अंकित, दूब भरी, जलखंड-जड़ी धरती छवि छाती जहाँ,
हर सीरक-हेम-मरक्त-प्रजा, ढल चंद्रकला है चढ़ाती जहाँ,
खुशहाली का अग्रदूत : मानसून
Posted on 16 Jul, 2013 11:49 AM

मानसून मानव जीवन का अभिन्न अंग है। हालांकि अब क्लाउड सीडिंग का भी जमाना आ गया है। भारत सहित तमाम देश क्लाउड सीडि

मुंबइया फिल्मों में बरखा बहार
Posted on 16 Jul, 2013 11:06 AM हिंदी फिल्मों में एक अति चर्चित फिल्म रही है शोमैन राजकपूर की बरस
बिन मानसून सब सून
Posted on 16 Jul, 2013 10:22 AM मानसून मात्र गर्मी की तपिश से राहत दिलाने का ही नाम नहीं है। यह तो संपूर्ण ऋतु चक्र का आधार और जीवन को जीवंत करती सच्चाई है। लंबे समय से पपड़ाई, प्यासी धरती, मुरझाई और कुम्हलाए, अलसाए जीवों को गति देने का सहारा है मानसून। मानसून लरजा-गरजा तो पौं बारह, रूठा तो सब गुड़ गोबर। इधर वैज्ञानिक ने बादलों को बरबस बरसाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है। प्रस्तुत है मानसून से जुड़े ऐसे ही
गंगा
Posted on 14 Jul, 2013 09:46 AM यह ‘घट’ इतना कहां हाय! जो इसमें रहती गंगा
मुझे हाथ धोने का अवसर दे तू, बहती गंगा

देखे हैं कितने ‘युग’ तूने क्या कहती है गंगा
तुझसे बुझती रहे चिता वह, जो दहती है गंगा

आज हमारे पाप-ताप ही तू सहती है गंगा
‘फूल’ भेंट के साथ बाँह यह तू गहती है गंगा

बहती रह इस महा मही पर मेरी महती गंगा
मुझे हाथ धोने का अवसर दे तू बहती गंगा।

सुरसरि तीर
Posted on 13 Jul, 2013 05:48 PM समयोचित संदेश उन्हें प्रभु ने दिए,
सबके प्रति निज भाव प्रकट सबने किए।
कह न सके कुछ सचिव विनीत विरोध में,
उमड़ी करुणा और प्रबोध-निरोध में।
देश सुमन्त्र – विषाद हुए सब अनमने,
आए सुरसरि – तीर त्वरित तीनों जने।
बैठीं नाव – निहार लक्षणा – व्यंजना,
‘गंगा में गृह’ वाक्य सहज वाचक बना।

बढ़ी पदों की ओर तरंगित सुरसरी,
भारत में दक्षिण पश्चिम मानसून और पूर्वानुमान पद्धति
Posted on 13 Jul, 2013 12:29 PM समुद्र और भूमि पर चलने वाली बयारमानसून की परिभाषा है – हवा के प्रवाह में आने वाला मौसमी बदलाव और तदनुरूपी निःसादन परिवर्तन और जमीन तथा समुद्र का असमान रूप स
फिशरीज में तलाशें भविष्य
Posted on 12 Jul, 2013 02:32 PM फिशरीज में कॅरिअर कहने को तो यह बड़ा ही साधारण लगता है लेकिन आज के दौर में यह एक तेजी से उभरता हुआ कॅरिअर बन चुका है। अब इस क्षेत्र में प्रशिक्षित युवा अच्छी कमाई कर रहे हैं।
सॉइल साइंस में कॅरिअर
Posted on 12 Jul, 2013 02:30 PM शिक्षण से लेकर रिसर्च और मिट्टी के संरक्षण से लेकर कंसल्टिंग जैसे कई अवसर कॅरिअर विकल्प के रूप में सॉइल साइंटिस्ट के लिए उपलब्ध हैं। एग्रीकल्चरल रिसर्च काउंसिल अपने सभी रिसर्च संस्थानों के साथ मृदा वैज्ञानिकों की सबसे बड़ी नियोक्ता है। इसके अलावा सॉइल साइंटिस्ट डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर, विश्वविद्यालयों, कृषि सहकारी समितियों, खाद निर्माताओं और रिसर्च संस्थानों के द्वारा नियुक्त किए जाते हैं।
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