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आगरा जिला
बुंदेलखंड में भूगर्भ जलस्तर 3 मीटर तक खिसका
Posted on 23 Feb, 2010 02:33 PM
पांच स्थानों पर 2 मीटर, 18 स्थलों पर 1 मीटर गहराया, केंद्रीय भूमि जल बोर्ड ने बारिश के बाद की स्थिति बताई, गर्मी में और नीचे जाएगा।
यमुना सफाई अभियान
Posted on 01 Apr, 2009 08:53 AMतिथिः रविवार, अप्रैल 5स्थानः पोइया घाट, आगरा
समयः सुबह 10-12 बजे
रिवर्स ऑफ द वर्ल्ड(रॉ) फाउंडेशन और एलिस फर्ग्युसन फाउंडेशन, अमेरिका के सहयोग से 5 अप्रैल को आगरा में यमुना की सफाई का कार्य किया जा रहा है। इस कार्य में बहुत से युवक स्वेच्छा से सहयोग करेंगे।
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें-
बृज खंडेलवाल
आगरा में यमुना जागरूकता केंद्र की कोशिश
Posted on 13 Feb, 2009 01:26 PMवृंदावन-मथुरा-आगरा यमुना सम्मेलन का सारांश
आगरा / 4 जनवरी 09, रविवार को यमुना के मुद्दे पर हुए सम्मेलन में आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, हाथरस और वृंदावन से आए जनता के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सम्मेलन में यमुना नदी के लिए धरोहर का दर्जा देने की मांग की गई।
यमुना मथुरा-आगरा कॉन्फ्रेंस
Posted on 27 Dec, 2008 04:40 PMप्रायोजित द्वाराः यमुना फाउण्डेशन फॉर ब्लू वाटर(http://www.rowfoundation.org/row/)
रिवर्स ऑफ द वर्ल्ड फाउण्डेशन
(http://www.rowfoundation.org )
टेक्नो इन्वायरमेंटल एण्ड सस्टेनेबल
सोल्यूशन्स प्रा. लि. दिल्ली, भारत
( http://www.techknow-eng.com/ )
स्थानः गोवर्धन होटल, विपरीत दिल्ली गेट
आगरा, उत्तर प्रदेश.
आगरा में यमुना घाटों की सफाई
Posted on 01 Jan, 1970 05:30 AM
सुबिजोय दत्ता
आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर यमुना नदी के प्रदूषण की तरफ विभिन्न राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों का ध्यान केन्द्रित करने के लिए कई स्कूलों के सैकड़ों छात्रों ने वरिष्ठ नागरिकों के साथ रविवार सुबह पोइया घाट की सफाई की. उन्होंने इस दौरान वहां पङे पॉलिथीन बैग और कचरे हटाए.
यमुना निगरानी समिति का निर्देश 'मूर्ति विसर्जन के किए कृत्रिम तालाब बनाएं'
Posted on 10 May, 2019 12:49 PMमूर्ति विसर्जन के बाद यमुना में अचानक खतरनाक रासायनों के स्तर में 71 गुणा तक वृद्धि को देखते हुए यमुना निगरानी समिति ने हर जिला, मंडल और जोन में कृत्रिम तालाब बनाकर उसमें मूर्ति विसर्जन की योजना बनाने का निर्देश दिया है।
सृजन से विसर्जन तक
Posted on 14 Apr, 2010 02:43 PMकुदरत खुद जो भी पैदा करती है तो उसके सृजन से लेकर विसर्जन तक की जिम्मेदारी भी खुद ही निभाती है। मगर मानव अपने कारखानों में जो भी बनाता है और उस बने हुए कृत्रिम सामान का उपयोग करता है परन्तु उसके विसर्जन की जिम्मेदारी न उत्पादनकर्ता लेता है और न उपभोक्ता लेता है चूंकि जो मानव ने कृत्रिम तरीके से बनाया है उसके अपव्यय को धरती भी स्वीकार नही करती। अर्थात् समस्त संसार में प्रदूषणरूपी राक्षस संसार से
कहां खो गए आगरा के 115 तालाब
Posted on 10 Feb, 2010 07:00 PMआगरा। जब बाड़ ही खेत को खाने लगे तो भला कौन बचा सकता है। शहर के तालाबों के साथ प्रशासन ने कुछ ऐसा ही रवैया अपना रखा है। रसातल की ओर सरकते जल स्तर से बेफिक्र प्रशासन सहित सभी सरकारी विभाग तालाबों को समतल कर उन्हें भूमाफियाओं के मनमाफिक बनाते जा रहे हैं। हद तो यह है कि पानी की कीमत पर मालपानी ऐंठने के लिए हाईकोर्ट तक को गच्चा दे दिया। सवाल उठता है कि कभी सैकड़ों की संख्या में दिखने वाले तालाब आखि
भारत के कुछ राज्यों के भूजल में उच्च आर्सेनिक की मौजूदगी
Posted on 21 Oct, 2009 08:53 AMअसम, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और बिहार राज्यों में आर्सेनिक प्रदूषण काफी बड़े स्तर तक प्रभावित कर रहा है।
अटैचमेंट में देखें कि किस राज्य के किस ब्लॉक में यह प्रदूषण कहां तक फैला है।
उत्तर प्रदेश, असम और छत्तीसगढ़ राज्यों के मामले में आर्सेनिकप्रदूषण की पहचान केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड और राज्य भूमि जल विभागों के निष्कर्ष के आधार पर की गई है ।