उमाशंकर मिश्र

उमाशंकर मिश्र
कितने पोषण की जरूरत - बताएगा यह नया ऐप
Posted on 02 Jul, 2018 06:07 PM


नई दिल्ली। हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय पोषण संस्थान (एनआईएन) ने न्यूट्रिफाई इंडिया नाउ नामक एक नया ऐप लॉन्च किया है, जो पोषण सम्बन्धी जरूरतों के बारे में लोगों को जागरूक करने में मददगार हो सकता है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने शुक्रवार को यह ऐप नई दिल्ली में लॉन्च किया है।

न्यूट्रिफाई इंडिया नाउ ऐप
जैव विविधता को नुकसान पहुँचा रही हैं लघु जलविद्युत परियोजनाएँ
Posted on 09 Jun, 2018 03:43 PM


नई दिल्ली। लघु जलविद्युत परियोजनाओं को स्वच्छ ऊर्जा का स्रोत माना जाता है। लेकिन, भारतीय वैज्ञानिकों के एक ताजा अध्ययन से पता चला है कि इन परियोजनाओं के कारण पारिस्थितिक तंत्र और जैव विविधता को लगातार नुकसान हो रहा है।

पश्चिमी घाट में स्थित एक लघु जलविद्युत परियोजना
स्वच्छ पर्यावरण के लिये विज्ञान और प्रौद्योगिकी आधारित नवाचार
Posted on 07 Jun, 2018 05:26 PM


नई दिल्ली। कचरा प्रबन्धन, दूषित जल शोधन, प्रदूषण नियंत्रण, हरित और सौर ऊर्जा के उपयोग समेत विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी आधारित कुछ ऐसे प्रयोग हैं, जो स्वच्छ और सुरक्षित पर्यावरण सुनिश्चत करने में मददगार हो सकते हैं। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा आयोजित एक प्रदर्शनी में इसी तरह के प्रयोगों पर आधारित तकनीकी एवं वैज्ञानिक नवाचारों को दर्शाया गया है।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा आयोजित प्रदर्शनी में भाग लेते बच्चे
एक आत्मनिर्भर गांव
Posted on 06 Mar, 2011 09:40 AM

सूखे से निपटने की तैयारियां शुरू हुईं, तो ग्रामीणों को समझ में आया कि खेत में और मिट्टी के कणों के आसपास जल संग्रह के लिए जीवांश-कंपोस्ट के ह्यूमस की विशेष भूमिका होती है।मध्य प्रदेश के खंडवा जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर छैगांवमाखन विकासखंड में जैविक ग्राम मलगांव स्थित है। करीब 10 साल पहले के सूखे ने यहां के ग्रामीणों की कमर तोड़कर रख दी थी। इस गांव में करीब 505 हेक्टेयर रकबा है

सिर पर सवार है मैला उतरने का नाम नहीं लेता
Posted on 16 Oct, 2010 08:42 AM

सभ्यता के विकास में मल निस्तारण समस्या रही हो या न रही हो, लेकिन भारत में कुछ लोगों के सिर पर आज भी मैला सवार है. तमाम कोशिशों के बावजूद भारत सरकार उनके सिर से मैला नहीं उतार पायी है जो लंबे समय से इस काम से निजात पाना चाहते हैं. हालांकि सरकार द्वारा सिर से मैला हटा देने की तय आखिरी तारीख कल बीत गयी लेकिन कल ही 31 मार्च को दिल्ली में जो 200 लोग इकट्ठा हुए थे वे आज वापस अपने घरों को लौट गये हैं. तय है, आज से उन्हें फिर वही सब काम करना पड़ेगा जिसे हटाने की मंशा लिये वे दिल्ली आये थे. उमाशंकर मिश्र की रिपोर्ट-

भारत सरकार द्वारा 31 मार्च 2009 तक सिर पर मैला ढोने की प्रथा को समाप्त करने की घोषणा की वास्तविकता को उजागर करने के लिए आज छह राज्यों के 200 लोग नई दिल्ली में एकत्रित हुए। मध्यप्रदेश, गुजरात, राजस्थान, उत्तरप्रदेश,
कायम है आशा की किरण
Posted on 14 Jul, 2010 03:20 PM

आज जब युवाओं पर भौतिकवादी होने का आरोप लगाया जाता है, अनेक युवा सामाजिक उत्थान के क्षेत्र में कार्य करते हुए मिसाल बन रहे हैं। एक ऐसा ही नाम है आलिम हाजी का। अप्रवासी भारतीय आलिम का जन्म एवं शिक्षा अमेरिका में हुई है, लेकिन उन्होंने अपना कार्यक्षेत्र राजस्थान के झुंझनु जिले के छोटे से गांव बगड़ को चुना है। आलिम के साथ करीब आधा दर्जन युवाओं को टीम ने बगड़ में देश के पहले महिला बीपीओ का आगाज क
गुणों का गांव राजूखेड़ी
Posted on 14 Mar, 2010 11:05 AM

मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के राजूखेड़ी गांव के निवासी गरीब और पिछड़ेपन के शिकार भले ही रहे हों, लेकिन उन्होंने किसी पर निर्भर रहने की बजाय अपने जीवन की बेहतरी का रास्ता खुद तैयार कर लिया है। राजूखेड़ी को एक व्यवस्थित एवं संपन्न गांव बनाने से लेकर ‘निर्मल पंचायत’ का राष्ट्रीय पुरस्कार दिलाने में जनभागीदारी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
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