सुरेश रैकवार
सुरेश रैकवार
बुंदेलखंड : तालाब तो फेफड़े हैं
Posted on 15 Mar, 2013 03:38 PMदेश के बीचो-बीच बसा बुंदेलखंड अभूतपूर्व जल संकट से जूझ रहा है और इसके समाप्त होने की कोई सूरत भी नजर नहीं आ रही है। बची-खुची कसर यहां के तालाबों को नष्ट कर पूरी कर दी गई है। बुंदेलखंड के तालाबों की दारुण अवस्था को सामने लाता महत्वपूर्ण आलेख…सूखे बुन्देलखंड में जल संस्कृति बचाने की साझी पहल
Posted on 25 Apr, 2011 04:29 PMकेन-बेतवा गठजोड़ यहाँ के समाज के साथ धोखा है, केन-बेतवा नदियों को जोड़ने के स्थान पर समाज को केन-बेतवा से जुड़ना शुभ होता। हमारी सरकारों व नेताओं को देर में समझ आया कि नदियों को जोड़ना अप्राकृतिक है। तत्काल केन-बेतवा गठजोड़ रद्द करें, तभी हमारी पूज्य नदियाँ पवित्र होंगी।
बुन्देलखंड की अस्मिता नदियों, तालाबों से जुड़ी है। हमारे पूर्वजों ने बड़ी मेहनत व लगन के साथ यहां के नदियों, तालाबों को बचाने के लिए जीवन समर्पित किया। लेकिन आज की आधुनिक सरकारें व आधुनिक समाज ने बुन्देलखंड की नदियों को सूखाने तथा तालाबों को मिटाने की इबारत लिख दी है।