सुनीता नारायण
सुनीता नारायण
अच्छी शुरूआत और अड़ंगों का अम्बार
Posted on 01 Feb, 2013 03:36 PMशायद यह सरकार का नया मूलमंत्र है- जो टूट गया उसे भूल जाओ। मरम्मत से बेहतर है, नया बना लो। बाकी विस्तार में जाने की जरूरत नहीं है। मैं उस क्षेत्र के बारे में बात कर रही हूं, जिसे सरकार भविष्य की रीढ़ मानती है।
इक्कीसवीं सदी के डायनासोर की कथा
Posted on 01 Feb, 2013 11:58 AM भारत के ऑटोमोबाइल उद्योग भी अमेरिकी उद्योगों की तरह सरकार के सामनेअब बस! इस यातायात को बदलना होगा
Posted on 31 Jan, 2013 11:06 AMअगर हम बस चाहते हैं तो वे हमें मिलेंगी नहीं क्योंकि हमारी ऑटोमोबाइल कंपनियां भीड़ भरे शहरों के लिए कारें बनाने म