शमशेर बहादुर सिंह

शमशेर बहादुर सिंह
बाढ़ 1948
Posted on 06 Sep, 2013 11:26 AM
(‘डायरी’ एक ऐसी चीज, जिसे आप एक्स्पैक्ट करते है मुझसे लिखने के लिए, मगर जिसे कोंटेनेंस करने के लिए आप तैयार नहीं- मैं लिख रहा हूँ-लिख रहा हूँ-क्योंकि वह चीज खुद मैं भी, मैं खुद भी लिखना चाहता हूँ : और बिलाशुबह वह तो मेरा कोंटेनेंस है ही-मेरा चेहरा, मेरी रूह, हाँ, मेरी रूह।)

मिसेज ‘अश्क’ जो दरिया के सफे-मक्खनी उफान में
एक औरत का दिल लेकर, आसमान की आँखों में बैठ
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