फिरदौस खान

फिरदौस खान
उपजाऊ भूमियों पर बंजरीकरण का खतरा
Posted on 10 Aug, 2012 02:29 PM
देश के उपजाऊ भूमि पर बंजर होने का खतरा बढ़ता जा रहा है। दुनिया में मात्र 11 प्रतिशत जमीन ही उपजाऊ जमीन है। गोबी रेगिस्तान से लेकर अपने थार रेगिस्तान तक मरुस्थलीकरण का क्षेत्रफल बढ़ता जा रहा है। भारत के कुल 32 करोड़ 90 लाख हेक्टेयर जमीन में से 12 करोड़ 95 लाख 70 हजार हेक्टेयर भूमि बंजर है। अगर इस बढ़ते हुए बंजर जमीन को रोका नहीं गया तो भारत में आने वाले समय में अनाज का संकट पैदा हो जाएगा। उपजाऊ
भूखों को रोटी देने की कवायद
Posted on 18 Jul, 2011 12:02 PM

देश में खाद्य सुरक्षा विधेयक को मंज़ूरी मिलने से भुखमरी से होने वाली मौतों में कुछ हद तक कमी आएगी, ऐसी उम्मीद की जा सकती है। हाल में प्रगतिशील जनतांत्रिक गठबंधन (यूपीए) की अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी) ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक 2011 को मंज़ूरी दी है। इसका मक़सद भुखमरी के शिकार लोगों को खाद्य सुरक्षा मुहैया कराना है। अगर यह विधेयक संसद में पारित ह

अब तो मां का दूध भी जहर हो गया है
Posted on 21 May, 2011 01:14 PM

देश की सोना उगलने वाली कृषि भूमि और पानी तो प्रदूषित हो ही चुका है, मगर अब मां के अमृत रूपी दूध में भी विषैले तत्व पाए गए हैं। महाराष्ट्र के रत्नागिरी के चिपलुन के डीबीजे कॉलेज के जिओलॉजी विभाग के एक अध्ययन के मुताबिक, मां के दूध में रसायनों की मात्रा खतरनाक स्तर तक पाई गई है। विभाग ने कोटावली सहित इलाके के सात गांवों अवाशी, लोटे, गुनाडे, गनुकंड, सोनगांव और पीरलोटे में वर्ष 2003 से 2004 के बीच

पानी पर सबका हक है
Posted on 18 May, 2011 10:58 AM

भारत में दुनिया के कुल जल संसाधनों का 4 फीसदी जल उपलब्ध है। राष्ट्रीय एकीकृत जल संसाधन विकास आय

भोजन में मीठा जहर
Posted on 23 Apr, 2011 01:00 PM

फसलों में कीटनाशकों के इस्तेमाल की एक निश्चित मात्रा तय कर देनी चाहिए, जो स्वास्थ्य पर विपरीत असर न डालती हो। मगर सवाल यह भी है कि क्या किसान इस पर अमल करेंगे। 2005 में सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) ने केंद्रीय प्रदूषण निगरानी प्रयोगशाला के साथ मिलकर एक अध्ययन किया था। इसकी रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी स्टैंडर्ड (सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन) के मुकाबले पंजाब में उगाई गई फसलों में कीटनाशकों की मात्रा 15 से लेकर 605 गुना ज्यादा पाई गई।

देश की एक बड़ी आबादी धीमा जहर खाने को मजबूर है, क्योंकि उसके पास इसके अलावा कोई दूसरा चारा नहीं है। हम बात कर रहे हैं भोजन के साथ लिए जा रहे उस धीमे जहर की, जो सिंचाई जल और कीटनाशकों के जरिए अनाज, सब्जियों और फलों में शामिल हो चुका है। देश के उत्तर-पूर्वी राज्यों में आर्सेनिक सिंचाई जल के माध्यम से फसलों को जहरीला बना रहा है। यहां भू-जल से सिंचित खेतों में पैदा होने वाले धान में आर्सेनिक की इतनी मात्रा पाई गई है, जो मानव शरीर को नुकसान पहुंचाने के लिए काफी है। इतना ही नहीं, देश में नदियों के किनारे उगाई जाने वाली फसलों में भी जहरीले रसायन पाए गए हैं। यह किसी से छुपा नहीं है कि हमारे देश की नदियां कितनी प्रदूषित हैं। कारखानों से निकलने वाले कचरे और शहरों की गंदगी को नदियों में बहा दिया जाता है, जिससे इनका पानी अत्यंत प्रदूषित हो गया है।

पानी के लिए जंग
Posted on 30 Jul, 2010 08:43 AM

water
प्लास्टिक कचरे से गहराता संकट
Posted on 17 Dec, 2010 04:57 PM

पर्यावरण के लिए प्लास्टिक कचरा एक गंभीर संकट बना हुआ है

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