प्रो. कविता शाह
प्रो. कविता शाह
हिमालयी प्राकृतिक संपदा एवं जैवविविधता संरक्षण में सहायक हैं स्थानीय पारंपरिक ज्ञान
Posted on 05 Dec, 2016 04:09 PMकाशी हिंदू विश्वविद्यालय के ‘पर्यावरण एवं धारणीय विकास संस्थान’ द्वारा राजीव गांधी दक्षिणी परिसर, मिर्जापुर में ‘‘जलवायु परिवर्तन के युग में धारणीय जल संसांधन प्रबंधन’’ विषयक दो दिवसीय (10-11 जनवरी, 2014) राष्ट्रीय परिसंवाद का आयोजन किया गया।
प्रोटियोमिक्स : मेजबान पौधों व कवकों के संबंध को समझने का एक माध्यम
Posted on 01 Nov, 2016 01:11 PMब्रह्माण्ड में उपस्थित हर जीव को अपने को जीवित रहने के लिये भोजन की आवश्यकता होती है। पोषण सभी जीवधारियों के लिये एक अतिआवश्यक जरूरत है। अत: सभी जीव-जन्तु, पेड़-पौधे, कीड़े-मकोड़े, जीवाणु, विषाणु, कवक आदि विभिन्न विधियों द्वारा अपना भोजन प्राप्त करते हैं। इन सभी को जीवित रहने के लिये एक संतुलित पारिस्थितिकी तन्त्र की आवश्यकता होती है। उदाहरण के तौर पर किसी एक स्थान पर बहुत अधिक मात्रा में वनस्प