प्रमोद भार्गव

प्रमोद भार्गव


स्वाधीनता दिवस 1956 को मध्य प्रदेश के ग्राम अटलपुर में जन्मे प्रमोद भार्गव की शिक्षा-दीक्षा अटलपुर, पोहरी और शिवपुरी में हुई। हिन्दी साहित्य से स्नातकोत्तर करने के बाद सरकारी नौकरी की, लेकिन रास नहीं आने पर छोड़ दी। बाद में भी सरकारी सेवा के कई अवसर मिले, किन्तु स्वतंत्र स्वभाव के चलते स्वीकार नहीं किये। लेखन में किशोरावस्था से ही रुचि। पहली कहानी मुम्बई से प्रकाशित नवभारत टाइम्स में छपी। फिर दूसरी प्रमुख कहानी ‘धर्मयुग’ में और सिलसिला चल निकला।

1987 में एकाएक ‘जनसत्ता’ में पत्रकारिता से जुड़ गए। जिला एवं प्रदेश स्तरीय पत्रकरिता करते हुए धर्मयुग में भी कई रपटें लिखीं। यहाँ से ज्ञान और जिज्ञासा बहुमुखी होकर जीवन, जगत और प्रकृति से तादात्म्य स्थापित करते हुए अचानक ही विविध विषयों के मर्म को आत्मसात करने की अन्तरदृष्टि ग्रहण कर ली और देश भर के समाचार-पत्रों में अग्रलेख लिखने का काम शुरू हो गया। गोया कि शब्द सृजन आजीविका का मुख्य साधन व साध्य बन गया। इस कारण साहित्य-सृजन पिछड़ गया। इस बीच आज तक समाचार चैनल से भी जुड़ गए। अलबत्ता 2008 में हंस में छपी कहानी मुक्त होती औरत के प्रकाशन और प्रसिद्धि के साथ एक बार फिर से कहानी व उपन्यास लेखन की परिकल्पना कागज पर उतरने लगी।

बरहहाल, प्यास भर पानी, नौकरी (उपन्यास) शहीद बालक, बाल उपन्यास, पहचाने हुए अजनबी, शपथ-पत्र, लौटते हुए और मुक्त होती औरत (कहानी संग्रह) आम आदमी और आर्थिक विकास, (आर्थिक मामले) भाषा और भाषाई शिक्षा के बुनियादी सवाल (भाषा और षिक्षा), मीडिया का बदलता स्वरूप (पत्रकारिता) वन्य जीवन एवं पर्यावरण संरक्षण और वन्य-प्रणियों की दुनिया यवन्य प्राणी एवं पर्यावरणद्ध 1857 का लोक-संग्राम और रानी लक्ष्मीबाई (इतिहास) पुस्तकें प्रकाशित। वन्य-जीवन पर दस लघु-पुस्तिकाएँ भी प्रकाशित।

वैचारिक या सांगठनिक प्रतिबद्धता से मुक्त होने के बावजूद अनेक सम्मानों से सम्मानित। मध्य प्रदेश लेखक संघ, भोपाल द्वारा बाल साहित्य के क्षेत्र में 2008 का चंद्रप्रकाश जायसवाल सम्मान। 2009 मध्य प्रदेश शासन का रतनलाल जोशी आंचलिक पत्रकारिता पुरस्कार, ग्वालियर साहित्य अकादमी द्वारा साहित्य एवं पत्रकारिता के लिये डॉ. धर्मवीर भारती सम्मान। भवभूति शोध संस्थान, डबरा द्वारा भवभूति अलंकरण। मध्य प्रदेश स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकार संगठन, भोपाल द्वारा सेवा सिंधु सम्मान। मध्य प्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन, कोलारस द्वारा साहित्य एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में दीर्घकालिक सेवाओं के लिये सम्मानित। पत्रकारिता के लिये पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी द्वारा मिर्जापुर में ‘टर्निंग इंडिया’ सम्मान। सम्प्रति सम्पादक, शब्दिता संवाद सेवा, संवाददाता आज तक, शिवपुरी।

सम्पर्कः
शब्दार्थ, 49, श्रीराम कॉलोनी,
शिवपुरी मध्य प्रदेश पिन 473551
दूरभाष 07492-232007,
मोबाइलः 09425488224
 

अंटार्कटिका में घट रही है बर्फ
1986 में अंटार्कटिका से टूटकर अलग हुआ जो हिमखंड स्थिर बना हुआ था।  वह अब 37 साल बाद समुद्री सतह पर बहने लगा है।  उपग्रह से लिए चित्रों से पता चला है कि करीब एक लाख करोड़ टन वजनी यह हिमखंड अब तेज हवाओं और जल धाराओं के चलते अंटार्कटिका के प्रायद्वीप के उत्तरी सिरे की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है।
Posted on 10 Jun, 2024 04:12 PM

अंटार्कटिका से हिमखंड कट रहे हैं

जलवायु परिवर्तन के संकेत अब अंधी आंखों से भी दिखने लगे हैं।  नये शोध बताते हैं कि अंटार्कटिका से हिमखंड तो टूट ही रहे हैं, वायुमंडल का तापमान बढ़ने के कारण बर्फ भी तेज़ी से पिघल रही है।  जलवायु बदलाव का बड़ा संकेत संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में भी देखने में आया है।  बीते 75 सालों में यहां सबसे अधिक बारिश रिकॉर्ड की गयी है।  24 घंटे में 10 इंच से ज़्यादा

अंटार्कटिका से हिमखंड कट रहे हैं
देश में बाघों का अमृतकाल
अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस 29 जुलाई को जारी इन आंकड़ों से प्रसन्न मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बाघ का पुनर्स्थापन कठिन काम है । यह समाज के सहयोग के बिना संभव ही नहीं है। अतएव हम सब भावी पीढ़ियों के लिए  प्रकृति संरक्षण का एक बार फिर संकल्प लें। बाघों की यह गिनती 'कैमरा ट्रैपिंग पद्धति से की गई है।
Posted on 06 Sep, 2023 05:10 PM

मध्यप्रदेश एक बार फिर 'बाघ राज्य' यानी टाइगर स्टेट के नाम से जाना जाएगा। यहां बाघों की आबादी 526 से बढ़कर 785 पहुंच गई है। जो सभी प्रांतों में सबसे ज्यादा है। केन्द्रीय वन राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने अखिल भारतीय बाघ आकलन रिपोर्ट-2022 जारी कर राज्यवार और बाघ आरक्षित क्षेत्र वार बाघों की वर्तमान में मौजूद संख्या के आंकड़े जारी किए हैं।

देश में बाघों का अमृतकाल
समुद्री खारे पानी की मीठे पानी में बदलने की जरूरत
दुनिया समुद्र के पानी को मीठे जल में परिवर्तित करने की तकनीक की खोज में लगी है, लेकिन इजराइल के अलावा अन्य किसी देश को इस तकनीक के आविष्कार में अब तक सफलता नहीं मिली है। भारत भी इस प्रौद्योगिकी की खोज में लगा है, लेकिन असफल ही रहा। इजराइल से सामरिक और जल संरक्षण के क्षेत्र में भारत ने जो सात समझौते किए हैं
Posted on 02 Aug, 2023 04:58 PM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इजराइल यात्रा के दौरान आपने उन्हें वहां के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ समुद्र में एक विशिष्ट जीप में बैठे देखा होगा। यह जीप समुद्र के पानी में चलते हुए समुद्री खारे जल को मीठे पेयजल में बदलने का अचरज भरा काम कर रही थी। गंगाजल से भी उज्ज्वल एवं शुद्ध इस जल को दोनों प्रधानमंत्रियों ने पिया भी पूरी दुनिया समुद्र के पानी को मीठे जल में परिवर्तित करने की तकनीक

समुद्री खारे पानी की मीठे पानी में बदलने की जरूरत,PC:-Wikipedia
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