परितोष त्यागी

परितोष त्यागी
फिर से जीवित हो सकती है यमुना
Posted on 23 Mar, 2013 11:53 AM
वे लोग जो बोतलबंद पानी या घरों में पेयजल शुद्ध करने के यंत्र लगा सकते हैं, उन पर उतना ध्यान देने की जरूरत नहीं है, जितना कि उन लोगों पर जो ये सुविधाएँ अर्जित नहीं कर सकते हैं। संख्या के आधार इन कमजोर वर्ग की थाह लेना चाहें तो इसके अंतर्गत आने वाले लोग दिल्ली में भी हो सकते हैं; हालांकि देश के विभिन्न शहरों में रहने वाली तीन चौथाई आबादी ऐसी है, जो अपने बूते शुद्ध पेयजल का इंतज़ाम नहीं कर सकती है
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