प्रेम पंचोली

प्रेम पंचोली
स्वच्छ पर्यावरण पर शौचालय और शहरी सीवेज का भार
Posted on 01 Oct, 2015 02:34 PM
स्वच्छता दिवस, 02 अक्टूबर 2015 पर विशेष
village
आशियाना बनाने पर प्रतिबन्ध, झील बनाने की खुली छूट
Posted on 27 Sep, 2015 03:59 PM

जनपद मुख्यालय बागेश्वर से 20 किमी के फासले पर बैजनाथ मन्दिर समूह है। इस मन्दिर समूह की दाईं ओर

river
हिमालयी नदी ‘सरस्वती’ के विलुप्त होने की वजह
Posted on 27 Sep, 2015 03:46 PM
ग्लोबल वार्मिंग के कारण खिसक रहे ग्लेशियरों की वजह से उत्तराखण्ड की
Sarasvati River
हिमालय का खौफजदा चेहरा
Posted on 27 Sep, 2015 03:35 PM
1. अनियोजित विकास ने बिगाड़ा हिमालय का सौन्दर्य
2. पर्यटन और विकास के मानक सन्तुलित पर्यावरण की कसौटी पर हो।
3. लोकज्ञान को नज़रअन्दाज़ करके नहीं किया जा सकता आपदाओं का सामना।

Himalaya
नदियों का पर्यावरण और वहाँ का जनजीवन
Posted on 27 Sep, 2015 01:02 PM

विश्व नदी दिवस, 27 सितम्बर 2015 पर विशेष


ऊँचे पर्वत शृंखलाओं से बहते पानी का संग्रहण एक नदी के रूप में ही है। जो जीव-जन्तुओं के लिये जीवित रहने का एक प्राकृतिक वरदान माना गया। वैज्ञानिकों ने भी जिन-जिन ग्रहों को खोज निकाला, वहाँ भी जीवन की पहली ही खोज की गई। अलबत्ता जहाँ पानी के संकेत उन्हें मिले तो वहीं जीवन के भी संकेत मिले है।
river
एक जीवन रेखा है ‘कमल नदी’
Posted on 17 Sep, 2015 12:36 PM

विश्व नदी दिवस, 27 सितम्बर 2015 पर विशेष


उत्तराखण्ड के सीमान्त जनपद उत्तरकाशी के पुरोला विकासखण्ड में बहने वाली कमल नदी का अपना अलग ही महत्त्व है। स्थानीय लोग इस नदी को ‘कमोल्ड’ नाम से जानते हैं। कमल नदी यहाँ के लोगों की जीवनरेखा है।
Kamal river
400 साल तक बर्फ के नीचे दबा था केदारनाथ मन्दिर
Posted on 13 Sep, 2015 09:44 AM
ग्लेशियरों से पिघला पानी हिमालय में एक दर्जन से ज्यादा छोटी-बड़ी झ
Kedarnath temple
आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबन्ध, आज भी अधूरा प्रयास
Posted on 06 Sep, 2015 01:40 PM

हिमालय दिवस 9 सितम्बर 2015 पर विशेष

people inhabiting in tent
उत्तराखण्ड : वनों के दोहन से परम्परागत जल पद्धति पर संकट
Posted on 06 Sep, 2015 12:21 PM

हिमालय दिवस 9 सितम्बर 2015 पर विशेष


उत्तराखण्ड के ठेठ ग्रामीण परिवेश में रहने वाले लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि एवं पशुपालन है। यही उनकी आजीविका का मुख्य स्रोत भी है। यानि कृषि-पशुपालन से ही से वे भोजन एवं वस्त्रों की अपनी समुचित व्यवस्था भी करते हैं और अपने इस व्यवसाय के साथ-साथ वे प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के भी पुख्ता उपादान करते रहे हैं।
water spring
हिमालय दिवस, हिमालय नीति और पर्यावरणविद्
Posted on 06 Sep, 2015 11:18 AM

हिमालय दिवस 9 सितम्बर 2015 पर विशेष

Himalaya
×