पंकज बिष्ट
पंकज बिष्ट
संकट की जड़ हमारी तटस्थता है
Posted on 11 Aug, 2015 03:43 PMमेरे मन में पहाड़ किसी अपराध बोध की तरह नहीं है और न ही मैं पहाड़ को लेकर किसी अतिरिक्त चिन्ता का शिकार रहा हूँ। यदि पहाड़ के सौंदर्य का या वहाँ की गरीबी का रोमांटिक शोषण मेरे लिए कुफ्र रहा है तो मैदानी सुविधाओं और समृद्धि का नयनाभिराम वर्णन भी मेरे लिए अपराध रहा है। मैंने जहाँ तक हो सका है स्थितियों को उनके परिप्रेक्ष्य में देखने का प्रयत्न किया है। सच्चाई![](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/20290011100_dc3701b852_3.jpg?itok=32dyHGsR)