नवनीश कुमार

नवनीश कुमार
पट्टे पर दी जा रही है यमुना, बैंक बांट रहे हैं कर्ज
Posted on 19 Jun, 2010 09:53 AM
नियमों के मुताबिक नदी में मालिकाना यानि संक्रमणीय अधिकार देना गैर-कानूनी है। उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950 की धारा 132 के अंतर्गत वन, नदी, नालों, झील, तालाब, पोखर, श्मशान, कब्रिस्तान, सार्वजनिक इस्तेमाल या विशेष प्रयोजन के लिए आरक्षित जमीन पर किसी भी तरह के भूमिधरी अधिकार नहीं दिए जा सकते। लेकिन सहारनपुर प्रशासन के लिए ये कानून कोई मायने नहीं रखते। भूमाफिया ने जमुना नदी को आईसीआईसीआई जैसे प्रतिष्ठित बैंकों में गिरवी रखकर करोड़ों का कर्ज भी ले रखा है।सहारनपुर, 18 जून। अफसरों व प्रशासन की मिलीभगत से यमुना नदी की हजारों बीघे गैर-कृषि भूमि पर भूमाफिया को मालिकाना हक बांट दिए गए हैं। सिर्फ यमुना ही नहीं, यही हाल हिंडन व ढमोला जैसी उसकी सहायक नदियों का भी है। गांवों में तालाबों और पोखरों की जमीन के भी अवैध तरीके से मालिकाना हक बांटे जा रहे हैं। इस तरह से हजारों हेक्टेयर सार्वजनिक जमीन पर अवैध कब्जे हो चुके हैं। इस खेल में बैंक भी पीछे नहीं हैं। अवैध तरीके से पट्टे पर दी गई इस जमीन पर बैंकों ने लोगों को करोड़ों के कर्ज बांट रखे हैं। इसकी आड़ में चंद प्रभावशाली लोग खेती, पेड़ों की कटाई और खनन से हर साल करोड़ों की कमाई कर रहे हैं।

नियमों के मुताबिक नदी में मालिकाना यानि संक्रमणीय अधिकार देना गैर-कानूनी है। उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950 की धारा 132
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