नीति दीवान

नीति दीवान
ज़मीन के लिए पीढ़ियों का संघर्ष
Posted on 02 Jan, 2015 01:24 PM

नर्मदा नदी पर बन रहे ओंकारेश्वर बाँध के कारण डूब मे आ रहे 30 गाँव में से एक गाँव केलवा बुजुर्ग

तीस साल बाद
Posted on 02 Dec, 2013 03:11 PM
भूजल प्रभावित इलाकों में जिंक, मैगनीज, कॉपर, पारा, क्रोमियम, सीसा, निकिल जैसी हानिकारक धातुओं की मात्रा मानक से अधिक मिली है। अभी केवल 350 टन कचरे के निपटान को लेकर प्रक्रिया चल रही है, किंतु उससे कहीं अधिक न दिखने वाला कचरा कारखाने के आसपास पानी और मिट्टी में पाया गया है। उसका निपटान करना भी उतना ही जरूरी है। तीन किलोमीटर के क्षेत्र में किए गए अध्ययन से साफ हो गया है कि यहां घातक और जहरीले रसायन भीतर मिट्टी और पानी में मौजूद हैं। भोपाल गैस त्रासदी को इस दिसंबर में 30 साल हो जाएंगे। इस बड़ी अवधि में मध्य प्रदेश और केन्द्र सरकार मिलकर भी यहां पड़े जहरीले कचरे का निपटान नहीं कर पाई हैं। हर साल बारिश के साथ इसका रिसाव भूमि में होता है और अब आशंका की जा रही है कि यह रिसाव लगभग तीन किलोमीटर के दायरे में फैल गया है। तीन दिसंबर सन् 1984 को भोपाल के यूनियन कार्बाइड कारखाने में हुई गैस त्रासदी के बाद के तीस वर्षों के दौरान यहां कई तरह के अध्ययन हुए हैं। अभी हाल ही में दिल्ली की संस्था सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट द्वारा एक अध्ययन किया गया है। अध्ययन के बाद इस संस्था ने देश भर के विशेषज्ञों के साथ बैठकर इस घातक प्रदूषण से मुक्ति पाने की एक योजना बनाई ताकिवर्तमान और आने वाली पीढ़ियों को इसका ख़ामियाज़ा न भुगतना पड़े। उस भयानक हादसे के बाद किसी संस्था ने पहली बार इस तरह के काम की सामूहिक पहल की है।
भोपाल गैस त्रासदी: तीन दशकों का जहरीला सफर
Posted on 21 Sep, 2013 02:58 PM
अभी केवल 350 टन कचरे के निपटान को लेकर प्रक्रिया चल रही है, किंतु उससे कही अधिक न दिखने वाला कचरा कारख
तीन दशकों का जहर
Posted on 04 Aug, 2014 12:20 PM
दिसम्बर 1984 को भोपाल के यूनियन कार्बाइड में हुई गैस त्रासदी के बाद के तीस वर्षों के दौरान कई तरह के अध्ययन हुए हैं। अभी हाल ही में सेन्टर फॉर साइंस एंड एनवायरमेन्ट (सीएसई) दिल्ली द्वारा एक अध्ययन किया गया और देश भर के विशेषज्ञों के साथ बैठकर इस घातक प्रदूषण से मुक्ति पाने की कार्ययोजना बनाई गई ताकि वर्तमान और आने वाली पीढ़ी को इसका खामियाजा न भुगतना पड़े। हादसे के बाद किसी संस्था ने पहली बार इस त
×