नीरज कुमार तिवारी

नीरज कुमार तिवारी
‘ई-कचरे’ पर एक नया कानून
Posted on 28 May, 2012 10:42 AM
मशीनीकरण तथा औद्योगिकीकरण के वर्तमान दौर में जैसे-जैसे मनुष्य विकास की ऊंचाइयों का स्पर्श करता जा रहा है, वैसे-वैसे नए रूपों में प्रदूषण भी बढ़ता जा रहा है, जिसमें से ‘इलेक्ट्रानिक कचरा’ भी एक है। इलेक्ट्रानिक कचरा स्वास्थ्य की दृष्टि से हानिकारक है। घरों अथवा कल-कारखानों में प्रयोग में लाया जाने वाला इलेक्ट्रानिक सामान जब खराब तथा अप्रोज्य हो जाता है तथा व्यर्थ समझकर उसे फेंक दिया जाता है तो उ
विकास की भेंट चढ़ते मैंग्रोव वन
Posted on 30 Jan, 2011 09:21 AM

अपनी खास वनस्पतियों और जलीय विशेषताओं के कारण पहचाने जाने वाले मैंग्रोव वन कुछ ही दशकों में मिट सकते हैं। यह आकलन अमेरिकी शोधकर्ताओं के एक दल का है।शोधकर्ताओं ने दुनिया भर के मैंग्रोव वनों का व्यापक अध्ययन कर पाया कि इस वनस्पति की कम से कम सत्तर प्रजातियों का वजूद खतरे में है और इनके संरक्षण-संवर्द्धन पर अगर तुरंत ध्यान न दिया गया तो दो दशक के भीतर ये लुप्त हो सकती हैं। इस तरह का आकलन केवल अमेरिकी दल का ही नहीं है। हाल में इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर यानी आईयूसीएन ने भी रिपोर्ट जारी की है जिसके अनुसार ग्यारह मैंग्राव प्रजातियों का जीवन बिल्कुल ही खतरे में है और बाकी पचास से अधिक प्रजातियों की हालत दयनीय है।

दरअसल पूरी धरती से मैंग्रोव वनक्षेत्र

खतरे की घंटी रेगिस्तान का विस्तार
Posted on 04 Oct, 2010 08:24 AM
इधर प्राकृतिक आपदाओं की संख्या और तीव्रता में बढ़ोतरी हुई है। मौसमी परिवर्तन का एक और बड़ा संकेतक, जिस पर हम पर्याप्त ध्यान नहीं दे रहे हैं, बहुत तेजी से उभार पर है। वह है रेगिस्तानी इलाकों का विस्तार। दुनिया के लगभग सारे रेगिस्तानी क्षेत्र में विस्तार हो रहा है, लेकिन थार रेगिस्तान का विस्तार कुछ अधिक तेज गति से हो रहा है। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन यानी इसरो की हालिया रिसर्च बताती है कि था
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