कृष्णमोहन सिंह

कृष्णमोहन सिंह
दूधातोली लोक विकास संस्थान 26 जनवरी को होगा सम्मानित
Posted on 25 Jan, 2012 11:05 AM

हिमालयी वनों के पुनर्जीवन के अनोखे प्रयास को सम्मान


हिमालय के 136 गांवों में शिक्षक सच्चिदानंद भारती की अगुवाई वाली ‘दूधातोली लोक विकास संस्थान’ ने लोगों को एकजुट करके कई दशक के अनवरत प्रयास से अरबों पेड़ लगाकर घने वन खड़े कर दिए हैं। 20 हजार से अधिक जलतलाई बना दी हैं, जिससे सूख गई नदी अब साल भर बहने लगी है।

इस बार समूचे उत्तर भारत में शीतलहर और ठंड के तीखेपन के एहसास ने जलवायु परिवर्तन की चिंताओं को कुछ ज्यादा चर्चा में ला दिया है। मौसम की इस अतिरेकी प्रकृति को कई वैज्ञानिक ग्लोबल वार्मिंग से जोड़कर देख रहे हैं। भारत में जंगलों की कटाई और खासकर हिमालय की दुर्दशा जलवायु परिवर्तन की बड़ी वजहें हैं, जिन पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत हैं वरना खतरा सामने दिखने लगा है। ऐसे में हिमालय में वन और जल संरक्षण के प्रयासों की अहमियत बढ़ गई है। और अगर यह संरक्षण बिना किसी सरकारी या बाहरी समर्थन के स्थानीय प्रयासों और लोगों की सक्रिय भागीदारी से हो तो खासकर आज के बाजारवाद के जमाने में उसका जोड़ नहीं है। हिमालय के 136 गांवों में शिक्षक सच्चिदानंद भारती की अगुवाई वाली ‘दूधातोली लोक विकास संस्थान’ ने लोगों को प्रेरित व एकजुट करके कई दशक के अनवरत प्रयास से अरबों पेड़ लगाकर घने वन खड़े कर दिए हैं। 20 हजार से अधिक जलतलाई बना दी हैं, जिससे सूख गई नदी अब साल भर बहने लगी है।

×