के.एन.दुबे

के.एन.दुबे
जल संरक्षण तथा जल विज्ञान के क्षेत्र में शिक्षा एवं प्रशिक्षण
Posted on 03 Jan, 2012 10:16 AM ‘जल’ प्रकृति का मानव को अमूल्य उपहार एवं प्राणी और प्रकृति जगत का जीवन है। यद्यपि पृथ्वी के तीन-चौथाई भाग में जल किसी न किसी रूप में विद्यमान है। समुद्र की विशाल जल राशि, पहाड़ों पर जमी बर्फ, भूमि के जलस्रोत, उफनती नदियाँ, ऐसा प्रतीत होता है कि अपार जलराशि की उपलब्धता से चिन्ता की कोई बात नहीं है। किन्तु वास्तविकता इससे बिल्कुल भिन्न है।
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