कानन झींगन

कानन झींगन
आ जा चिड़िया आ जा री, चुग-चुग दाना खा जा री
Posted on 23 Aug, 2010 12:05 PM

अपने नाती के मुंह में ग्रास डालते हुए मैं वही गाना गाती हूं जो बरसों पहले उसकी मां के लिए गाती थी- 'आ जा चिड़या आ जा री / चुग-चुग दाना खा जा री / आती हूं मैं आती हूं / फुदक-फुदक कर आती हूं / चुग-चुग दाना खाती हूं / झट ऊपर उड़ जाती हूं।' पर एक भी चिड़िया नहीं आती। लेकिन तब तो आंगन भर जाता था। एक ग्रास बच्चे के मुंह में डालती और एक के नन्हे-नन्हे टुकड़े कर के आंगन में छितरा देती। बड़ों के नाश
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