इंडिया वाटर पोर्टल (हिंदी)
गोइन्का हिन्दी तेलुगू अनुवाद पुरस्कार 2015 के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित
Posted on 02 Dec, 2014 01:57 PMकमला गोइन्का फाउण्डेशन के प्रबंध न्यासी श्री श्यामसुन्दर गोइन्का जी ने एक विज्ञप्ति जारी कर सूचित किया है कि तेलुगू भाषी साहित्यकारों के लिए वर्ष 2015 के लिए 'गीतादेवी गोइन्का हिन्दी तेलुगू अनुवाद पुरस्कार' की प्रविष्टियां आमंत्रित की जा रही हैं।
तेलुगू भाषी हिन्दी साहित्यकार जिनकी पिछले 10 वर्षों में तेलुगू से हिन्दी में तथा हिन्दी से तेलुगू में अनुवादित कृति प्रकाशित हुई है, वे उपरोक्त पुरस्कार में भाग ले सकते हैं। इस पुरस्कार के अंतर्गत 31000/- (इकतीस हजार रुपये) नकद के साथ एक विशेष समारोह में शाॅल, स्मृति-चिन्ह व पुष्पगुच्छ प्रदार कर सम्मानित किया जायेगा।
करियर : जमनालाल बजाज फ़ाउंडेशन, वर्धा में चार पद रिक्त
Posted on 30 Nov, 2014 05:01 PM‘कमलनयन जमनालाल बजाज फाउंडेशन’ एक गैर सरकारी संगठन है जो ग्रामीण विकास, वॉटर रिर्सोस डवलपमेंट, नेचुरल रिर्सोस मैनेजमेंट और कृषि आधारित आजीविका आदि मुद्दों पर लंबे समय से काम कर रहा है। संस्थान में वॉटर रिर्सोस डवलपमेंट, प्रोग्रामिंग ऑफिसर के चार पदों के लिए आवेदन मंगाया गया है।
‘सेनिटेशन और टॉयलेट’ कार्टून प्रदर्शनी
Posted on 30 Nov, 2014 04:03 PM‘इंडियन सीएसआर न्यूज नेटवर्क’ जल्द ही कार्टून वॉच के सहयोग से देश में पहली बार 6 फरवरी को ‘सेनिटेशन और टॉयलेट’ पर एक कार्टून प्रदर्शनी का आयोजन करने जा रहा है। यह कार्यक्रम भारत स्वच्छता शिखर सम्मेलन ‘सेनिटेशन फॉर ऑल-टॉयलेट फर्स्ट’ के अवसर पर पीएचडी चैंबर हाउस, अगस्त क्रांति मार्ग, नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा।
इंडिया सीएसआर के निदेशक और संस्थापक रुसेन कुमार का कहना है कि कार्टून एक ऐसा माध्यम है जिसके जरिए हम कम शब्दों या चित्रों के माध्यम से बड़ी बात आसानी से कह सकते हैं। यह कार्टून प्रदर्शनी भारत स्वच्छता शिखर सम्मेलन 2015 में आकर्षण का मुख्य केन्द्र होगा। चूंकि कार्टून हास्य और व्यंग्य पर आधारित होंगे, जो दर्शकों का मनोरंजन भी करेंगें।
जमनालाल बजाज फाउंडेशन करेगा गांधीवादी व्यक्तियों को सम्मानित
Posted on 29 Nov, 2014 12:37 PMतारीख : 28 नवंबर 2014
समय : 5.30 बजे शाम को शुरू होगा
स्थान : जमशेद भाभा थिएटर, एन.सी.पी.ए मार्ग, नरीमन पॉइंट, मुंबई 400021
हर वर्ष की तरह इस बार भी जमनालाल फाउंडेशन, जमनालाल बजाज जन्म शताब्दी के अवसर पर कुछ चुने हुए गांधीवादी व्यक्तियों को जिन्होंने समाज के विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान दिया है, सम्मानित करेगा। इस बार चार गांधीवादी व्यक्तियों को सम्मानित किया जाएगा उनके नाम और पुरस्कार श्रेणी इस प्रकार हैं- श्री सुरेन्द्र कौल्गी (कर्नाटक) को रचनात्मक क्षेत्र के लिए, श्री रामकुमार सिंह (गुजरात) को ग्रामीण विकास हेतु विज्ञान और तकनीकी के लिए, श्रीमती चेत्रुपाटि (आंध्र प्रदेश) को महिला और बाल कल्याण एवं उत्थान के लिए और श्री सुलक शिवरक्षा (थाईलैंड) को विदेशों में गांधीवादी मूल्यों के प्रसार के लिए पुरस्कार दिया जाएगा। पुरस्कार वितरण समारोह में 2014 के नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करेंगे। कार्यक्रम 28 नवंबर, 2014 को जमशेद भाभा थिएटर, एन.सी.पी.ए मार्ग, नरीमन पॉइंट पर शाम को 5:30 बजे शुरू होगा।
जल मंथन का आयोजन
Posted on 20 Nov, 2014 04:33 PMजल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जल मंथन का आयोजन हो रहा है।दिनांक : 20-22 नवंबर, 2014
स्थान : विज्ञान भवन, नई दिल्ली में
“जल मंथन” जल संसाधनों के अधिकतम उपयोग के मुद्दों पर ध्यान देने के लिए राज्यों के सिंचाई/जल संसाधन मंत्रियों, जल संसाधन, सचिवों, स्वैच्छिक संगठनों और अन्य पणधारियों के साथ व्यापक विचार-विमर्श करने के लिए जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय की एक पहल है। इसमें मंत्रालय की नीतियों को और अधिक लोक-हितैषी तथा राज्यों की आवश्यकताओं के प्रति क्रियाशील बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
मेहसाना, गुजरात में गंदे पानी का प्रबंधन
Posted on 02 Oct, 2009 08:38 AMगुजरात में, जिला-मेहसाना के अतर्गत ‘फतेपुरा´ गांव की कुल जनसंख्या 1200 और परिवार संख्या 214 है इस गांव के ग्राम प्रधान श्री जय सिंह भाई चौधरी हैं। इन्होंने इस गांव में धूसर जल (गांव का गंदा पानी) प्रबंधन का एक अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया है।. मुख्य विशेषताएं
इस गांव के गहरे बोर का एक नलकूप है, जिसका व्यास 8’’ और गहराई 800 फीट है। 35 अश्वशक्ति वाले पम्प से पंप कर के जल को 40,000 लीटर क्षमता वाली उर्ध्वस्थ टंकी में ले जाया जाता है। यह कार्य दिन में चार बार किया जाता है। इसका अर्थ यह हुआ कि गांव में प्रतिदिन 1,60,000 लीटर जल का उपयोग किया जाता है। इसमें से 40,000 लीटर जल का उपयोग पशुओं के लिए हो जाता है। यद्दपि, वास्तव में धूसर जल (गांव का गंदा पानी) की पैदा कितनी मात्रा में होता है, इसका स्पष्ट हिसाब नहीं लगाया गया है, फिर भी, यह अनुमान किया जाता है कि कुल प्राप्त जल का 80 प्रतिशत धूसर जल (गांव का गंदा पानी) के रुप में निकल आता है। इस प्रकार, गांव में धूसर जल सृजन की अनुमानित मात्रा करीब 96,000 लीटर प्रतिदिन होती है।
नर्मदा की परिक्रमा
Posted on 21 Sep, 2009 09:49 AMनर्मदा जी वैराग्य की अधिष्ठात्री मूर्तिमान स्वरूप है। गंगा जी ज्ञान की, यमुना जी भक्ति की, ब्रह्मपुत्रा तेज की, गोदावरी ऐश्वर्य की, कृष्णा कामना की और सरस्वती जी विवेक के प्रतिष्ठान के लिये संसार में आई हैं। सारा संसार इनकी निर्मलता और ओजस्विता व मांगलिक भाव के कारण आदर करता है व श्रद्धा से पूजन करता है। मानव जीवन में जल का विशेष महत्व होता है। यही महत्व जीवन को स्वार्थ, परमार्थ से जोडता है।
जलचक्र (The Water Cycle)
Posted on 05 Aug, 2009 11:23 AMधरती पर कितना पानी उपलब्ध है?
o एक जानकारी के अनुसार धरती पर 2,94,000,000 क्यूबिक मीटर पानी उपलब्ध है, जिसमें से सिर्फ़ 3% पानी ही शुद्ध और पीने लायक है।अविरल गंगा के लिये जन्तर-मन्तर, दिल्ली में क्रमिक अनशन 28 जनवरी से
Posted on 25 Jan, 2019 01:04 PMवर्ष 1998 में हरिद्वार के जगजीतपुर गाँव में गंगा किनारे स्थापित ‘मातृसदन आश्रम’ गंगा-अविरलता के लिये बलिदानी-भूमि बन गई है। मातृसदन के परमाध्यक्ष शिवानंद सरस्वती और उनके सन्तों का गंगा प्रेम अदभुत है, गंगा के लिये अब तक आश्रम स