गृहलक्ष्मी

गृहलक्ष्मी
रंग बरसे
Posted on 30 Dec, 2010 09:50 AM

बदरंग सर्दी विदा लेने को है और होली के रंग आँखों में तैरने लगे हैं। मौसम बदल तो रहा है पर संसार के हर कोने में शायद रंगभरी होली नहीं खेली जा सके। सिर्फ रंग लगा लेने या रंग में नहा लेने से ही तो होली नहीं हो जाती, रंगों की विविधता वाले इस पर्व को जीवन के अनेक रंगों में शामिल किया जा सकता है।
×