Posted on 09 Nov, 2013 12:59 PMएमयूटीबीटी ने कुछ समय पहले एक राष्ट्रीय स्तर का बिजनेस प्लान कंपीटिशन आयोजित किया था। इसमें पेपरट्री को तीसरा स्थान मिला। इनाम के तौर पर दो लाख रुपए नकद दिए गए। एक अन्य राष्ट्रीय स्तर के ही ग्रीन बिजनेस प्लान कंपीटिशन में कंपनी को पहला स्थान मिला। यह कंपनी दुनिया की उन 50 कंपनियों में भी शुमार हो चुकी है, जिन्हें शुरुआत में ही बड़े-बड़े इनाम मिल गए। पेपरट्री के बारे में सबसे खास बात ये है कि वे कचरे से क्रिएशन कर रहे हैं। जिस चीज को ज्यादातर लोग बेकार समझकर फेंक देते हैं, कंपनी उसे फिर काम का बना रही है। हम भारतीय अब भी कागज़ की रद्दी के बारे में पूरी तरह सचेत नहीं हैं। हालांकि हम सब जानते हैं कि कागज़ पेड़ों को काटने के बाद बनाया जाता है। इसके बावजूद हम कागज़ की बर्बादी रोकने के लिए ज्यादा जागरूक नहीं हैं और अगर बात किसी शैक्षणिक संस्थान की हो तो वहां कुछ ज्यादा ही कागज़ बर्बाद होता है। न सिर्फ स्टूडेंट बल्कि टीचर भी इसमें शामिल होते हैं। चूंकि कागज़ पढ़ने-पढ़ाने के काम की मूलभूत आवश्यकता है इसलिए कोई इसकी बर्बादी को लेकर चिंता नहीं करता।