डॉ. मुकेश श्रीवास्तव ‘अनुरागी’

डॉ. मुकेश श्रीवास्तव ‘अनुरागी’
जल बचाएँ, कल बचाएँ
Posted on 08 Sep, 2015 11:41 AM
1.
सिंध तट वासियों से, हिन्द के निवासियों से,
कवि का निवेदन है, पानी को बचाइये।
पास के कुँओं से, बावड़ियों से निकाल नीर,
पानी पियो, पर व्यर्थ पानी ना बहाइये।।
बादलों की आरती उतारिये लगा के पेड़,
धरती माता को हरी चूनरी उढ़ाईये।
नदी में न गन्दगी बहाइये, ओ मेरे भाई,
‘अनुरागी’ बन मान नदी का बढ़ाईये।।

2.
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